नई दिल्ली:राजधानी में वर्तमान समय में कोरोना के चलते हालात काफी नाजुक बने हुए हैं. वहीं पिछले 2 साल से कोविड के चलते पैदा हुए हालात और पिछले साल की तरह इस साल भी लॉकडाउन लगने की वजह से स्टार्टअप के क्षेत्र में व्यापार की कमर पूरी तरीके से टूट गई है. साल 2018 में और उसके बाद दिल्ली में शुरू हुए व्यापार कोरोना की वजह से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. व्यापारियों की ना सिर्फ कमर टूट गई है बल्कि बड़े स्तर पर नौकरियां भी गई हैं.
वर्तमान हालातों को लेकर अगर दिल्ली में बात की जाए तो साल 2018 में और उसके बाद शुरू हुए स्टार्टअप वर्तमान समय में भयंकर आर्थिक बदहाली और मंदी की मार से जूझ रहे हैं. हालात इतने खराब हो गए हैं कि राजधानी दिल्ली में लगभग 50% से ज्यादा स्टार्टअप बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं. वहीं इन हालातों की वजह से दिल्ली में ना सिर्फ बेरोजगारी बढ़ी है बल्कि स्टार्टअप बंद करने वाले मालिकों को दोबारा नौकरी की तलाश में लगना पड़ रहा है.
इन स्टार्टअप्स पर पड़ा असर
दिल्ली के अंदर साल 2018 और उसके बाद शुरू हुए स्टार्टअप्स जिनके ऊपर सबसे ज्यादा कोविड ओर लॉक डाउन का असर पड़ा है. उनमें फुटवियर, रेस्टोरेंट, होटल आदि क्षेत्र में व्यापार करने वाले व्यापारी शामिल हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान व्यापारियों ने कहा कि वर्तमान समय में कोविड ओर लॉक डाउन की वजह से पैदा हुए हालातों में स्टार्टअप बिजनेस के ऊपर काफी ज्यादा बुरा असर पड़ा है. जिसकी वजह से व्यापारियों की परेशानी कई गुना तक बढ़ गई है.
स्टार्ट अप बंद होने से बढ़ेगी बेरोजगारी
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान व्यापारियों ने साफ तौर पर कहा कि जिस तरह से हाल ही के दिनों में बड़ी संख्या में स्टार्टअप क्षेत्र में व्यापार बंद हुए हैं. मंदी के चलते इसका सीधे तौर पर असर रोजगार के क्षेत्र पर पढ़ेगा और बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार होंगे. जिसका आने वाले दिनों में असर मार्केट के अंदर लिक्विड कैश क्रंच के ऊपर भी पड़ेगा.