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कैग की रिपोर्ट साबित कर रही है कि केजरीवाल सरकार मजदूर विरोधी है- आदेश गुप्ता

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए दिल्ला सरकार को मजदूर विरोधी बताया है. बता दें कि आदेश गुप्ता ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने प्रवासी मजदूरों को पलायन करने पर मजबूर कर दिया.

Adesh Gupta
आदेश गुप्ता

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Published : Jul 14, 2020, 9:07 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा प्रवासी और निर्माण श्रमिकों के लिए बनाए गए कोष में 3,200 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई मदद के बावजूद केजरीवाल सरकार ने प्रवासी मजदूरों को पलायन करने पर मजबूर कर दिया. वहीं अब कैग की रिपोर्ट भी यह साबित कर रही है कि केजरीवाल सरकार मजदूर विरोधी है.

केजरीवाल सरकार ने गरीब मजदूरों का हक छीनने का काम किया है- आदेश गुप्ता
'श्रमिक कल्याण बोर्ड के पैसे का दुरुपयोग'

आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने गत वर्षो में श्रमिक कल्याण बोर्ड के पैसे का दुरुपयोग कर गरीब मजदूरों का हक छीनने का काम किया है. कैग रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली भवन और अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड का फंड गरीब मजदूरों के उत्थान के लिए उपयोग होना था. लेकिन दिल्ली सरकार ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सरकार ने भर्ती किया और मजदूरों के फंड को अपने कार्यकर्ताओं के बीच बांटने का काम किया. फंड को दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरित करने, समय पर टैक्स नहीं जमा करने व उस फंड का इस्तेमाल श्रम विभाग के कर्मचारियों के वेतन आदि के मद में खर्च करने की वजह से प्रवासी मजदूरों को उनका हक नहीं मिल सका. जबकि इस फंड का उपयोग कोरोना महामारी के दौर में मजदूरों के कल्याण, उन्हें सुविधाएं मुहैया कराने के लिए खर्च किया जाना चाहिए था.

'कैग ने न्यायालय को दी रिपोर्ट'

गुप्ता ने बताया कि गत दिनों कैग में के द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिपोर्ट दी गई है. जिसमें जानकारी अनुसार 2016-18 के मध्य में कामगार कल्याण बोर्ड के कोष से लगभग 3200 करोड़ रुपये के कथित हेराफेरी की पुष्टि की गई है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2016- 17 में 186 करोड़ रुपये और वर्ष 2017- 18 में 200 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे. लेकिन सही ढंग से पंजीयन नहीं होने की वजह से मजदूरों को योजना का लाभ नहीं मिला.

'सीएम की बनती है नैतिक जिम्मेदारी'

वहीं वर्ष 2006-07 का इनकम टैक्स रिटर्न समय पर नहीं भरने की वजह से 7 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. उस पर से 433.17 लाख रुपये का ब्याज एवं 275.69 लाख रुपये दिए गए आय की जानकारी निरस्त करने के लिए देने पड़े. आयकर रिटर्न भरने में देरी की वजह से बोर्ड को 4893.79 लाख रुपये बतौर ब्याज देना पड़ा. 2007-08 के बाद से इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा गया, जिसके कारण बोर्ड को 9807 लाख रुपये देना पड़ा. इस पूरे घोटाले की नैतिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बनती है. इस मामले से न सिर्फ एक आर्थिक घोटाला सामने आया है बल्कि केजरीवाल सराकार का प्रवासी मजदूर विरोधी चेहरा भी उजागर हुआ है.

गुप्ता ने कहा कि कैग की रिपोर्ट पर गौर करें तो यह बड़े घोटाले का संकेत है. हम अप्रैल माह के शुरू से ही लगातार कह रहे थे कि दिल्ली सरकार की अन्न वितरण योजना हो या फिर मजदूरों को नकद राशि वितरण की, सभी में घोटाला किया गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा शीघ्र ही दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलेगी और यह मांग करेगी कि दिल्ली भवन और अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के गत 5 वर्ष के खातों की सीबीआई जांच हो और इस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.

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