नई दिल्लीः अगर आप दिल्ली में रहते हैं और ड्राइविंग सीखना चाहते हैं तो चिंता न करें. दिल्ली सरकार ने इसकी व्यवस्था भी कर ली है. केजरीवाल सरकार जल्द ही एक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने जा रही है. इसमें लोगों को ड्राइविंग के गुर सिखाये जायेंगे. इसमें शिक्षार्थियों को न केवल आधुनिक यातायात नियमों और सावधानीपूर्वक वाहन चलाने की जानकारी मिलेगी, बल्कि वे आधुनिक टेस्ट ट्रैक पर वाहन चलाकर पढ़ाई भी कर सकेंगे. फिलहाल ऐसे दो सेंटर चल रहे हैं- एक सराय काले खां में और दूसरा लोनी में. दोनों मारुति सुजुकी से हैं. इसके अलावा दूसरा सेंटर बुराड़ी में है, जिसे अशोक लीलैंड चलाता है और बड़े वाहन चलाने की ट्रेनिंग देता है. इन पाठ्यक्रमों की अवधि आमतौर पर 3-4 सप्ताह होती है.
परिवहन मंत्री ने ये कहा:परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि, "सड़क पर चलने वाले वाहनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ड्राइवर ठीक से प्रशिक्षित होना चाहिए. ये नए परीक्षण ट्रैक सेंसर और कैमरों से लैस हैं, जो 24 अलग-अलग पैमानों पर ड्राइविंग का परीक्षण करते हैं. यह शिक्षार्थियों को सड़क पर उतरने के लिए आवश्यक सभी कौशलों से सुसज्जित करता है."
परिवहन मंत्री ने आगे कहा कि इस जरूरत को पूरा करने के लिए हम अपने प्रत्येक आरटीओ के पास एडीटीटी के साथ एक ड्राइविंग इंस्टीट्यूट खोलेंगे. इसके लिए हम निजी कंपनियों के साथ साझेदारी की संभावना भी तलाश रहे हैं.
क्या है मौजूदा व्यवस्था?: विशेषज्ञों को उम्मीद है कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदकों को प्रशिक्षित करने के लिए ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक (एडीटीटी) खोलने के दिल्ली सरकार के प्रस्तावित कदम से उत्तीर्ण प्रतिशत में वृद्धि होगी. वर्तमान में, दिल्ली में एक महीने में लगभग 40,000 लोग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देते हैं, जिनमें से 50% स्वचालित परीक्षण पास नहीं कर पाते हैं. परिवहन विभाग के अनुसर मैनुअल संस्करण में उत्तीर्ण प्रतिशत 80% तक अधिक है. उन्होंने कहा कि अगर लोगों को इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च (आईडीटीआरएस) में प्रशिक्षित किया जाए तो ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट पास करने की संभावना बढ़ जाएगी क्योंकि इसमें स्वचालित ट्रैक हैं. हर आरटीओ का पास एक आधुनिक टेस्ट ट्रैक बनने जा रहा है, जिस पर कोई भी लाइसेंस टेस्ट से पहले खूब अभ्यास कर सकता है.