नई दिल्ली:अपने कई ऐसी फिल्में देखी होंगी, जिनकी कहानी एक दुःखद भाव के साथ शुरू होती है, लेकिन उसका अंत सुखद होता है. यही बात भारतीय दर्शकों को लुभाती है. ऐसे ही बहुत से नाटक, नृत्य और किताबें भी हैं, जिनकी शुरुआत चाहे जैसी भी हो, लेकिन उनका अंत हमेशा दर्शकों और पाठकों को पसंद आता है. ऐसी ही एक एकल चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन नई दिल्ली के लोदी रोड स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर की विजुअल आर्ट गैलरी में किया गया है. इसमें आर्टिस्ट शुभम कौल ने अपने जीवन के अनुभवों को चित्रकारी के माध्यम से कैनवास पर उतरा है.
हॉल की दीवारों पर लगी पेंटिंस को एक फिल्म के रूप में सीरियल के आधार पर लगाया गया है. प्रदर्शनी में लगी पेंटिंग में चित्रकार ने अपनी कला के माध्यम से जीवन की 8 वास्तविकता के बारे बताने की कोशिश की है. क्यूरेटर और आर्टिस्ट शुभम कौल ने 2020 में उनकी बनाई गई एक चित्रकला के बारे में बताया. जिसको उन्होंने 'मदर इंडिया' नाम दिया. शुभम ने अपनी इस आर्ट में एक महिला की शक्ति को दर्शाया है, जिसे एक चौतरफा रेखा के दायरे के अंदर रखा गया है. जो एक महिला के ऊपर लगी सामाजिक बेड़ियों को दिखाता है.
शुभम ने बताया कि वह हमेशा अपनी आर्ट में जीवन के सच को ढूंढने वाले चित्र बनते हैं, इसलिए उन्होंने अपनी प्रदर्शन को 'अ जर्नी इन सर्च ऑफ ट्रुथ' नाम दिया है. जैसे एक फिल्म की स्क्रिप्ट बहुत पहले लिख ली जाती है, लेकिन उसे बड़े पर्दे पर आने में काफी समय लगता है. ऐसा ही उनकी चित्रकारी के साथ है. प्रदर्शनी में लगी सभी आर्ट्स की बीते 5 वर्षों में तैयार की गई है, लेकिन आर्टिस्ट ने उसमें अपने स्कूल के दिनों को ऑयल कलर के माध्यम से कैनवास पर उतारा है. शुभम का कहना है कि उन्होंने अपने बचपन से कोरोना काल तक से लगभग सभी यादगार समय और एहसासों को चित्रकारी का रूप दिया है.