नई दिल्ली: दिल्ली के करोलबाग से निकलकर मंडी हाउस के एनएसडी में एक्टिंग की पढ़ाई कर मुंबई में अपनी कलाकारी से एक अलग मुकाम हासिल करने वाले मशहूर कलाकार व निर्देशक सतीश कौशिक के देहांत से सिर्फ कला प्रेमी ही नहीं बल्कि, उनके साथ जिन-जिन लोगों ने समय गुजारा वह बेहद दुखी हैं. वे विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि सतीश जो अपनी कला से सबको हंसा देते थे वह अब सबसे इतना दूर चले गये है कि जहां से कोई लौटकर नहीं आते हैं.
सतीश कौशिक की याद में किरोड़ीमल कॉलेज में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान कॉलेज के प्रिंसिपल सहित अन्य शिक्षकों ने सतीश को याद किया. इस दौरान कॉलेज के प्रिंसिपल दिनेश खट्टर ने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले ही सतीश से बात हुई थी. 8 अप्रैल को कॉलेज में एलुमनाई मीट में आने के लिए उन्हें आमंत्रण दिया गया था, जिस पर उन्होंने आने के लिए अपनी स्वीकृति दी थी, लेकिन भगवान को कुछ ओर ही मंजूर था. सतीश हम सबको छोड़ कर बहुत दूर चले गए हैं. उन्होंने कहा कि सतीश से जब आखरी बार बात हुई तो उन्होंने कॉलेज के सभागार के संरक्षण कार्य के बारे में पूछा था. कॉलेज के छात्रों को सभागार नए अंदाज में मिले, यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था. यहां सतीश 1974 बैच के छात्र रहे हैं.
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