नई दिल्ली:दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने रविवार (9 अक्टूबर) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बीते दिनों पहले उन्होंने एक कार्यक्रम में भाग लिया था. कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों के साथ उन्होंने हिंदू-देवताओं का बहिष्कार करने की शपथ ली थी. इस कार्यक्रम से जुड़ी वीडियो भाजपा नेता द्वारा ट्वीट करने के बाद इस पर बवाल हो गया. जिसके बाद दिल्ली सरकार की खूब आलोचनाएं हुई, जिसके बाद उन्होंने रविवार को ट्वीट कर इस्तीफा दे दिया. राजेंद्र पाल गौतम ने दो पेज का खुला पत्र लिखते हुए इस्तीफा दिया.
उन्होंने पत्र में कहा कि "जिस वायरल वीडियो को लेकर आप और मेरे मुख्यमंत्री पर टिप्पणी की जा रही है वो गलत है. मैं इससे बहुत आहत हूं. मैं नहीं चाहता मेरी वजह से मेरे नेता अरविंद केजरीवाल पर कोई आंच आए. उन्होंने कहा कि उस कार्यक्रम का आम आदमी पार्टी एवं मेरे मंत्रिपरिषद से कुछ लेना-देना नहीं था. बाबासाहेब के प्रपौत्र राजरत्न अंबेडकर द्वारा बाबा साहेब की 22 प्रतिज्ञाएं दोहराई गईं जिसे 10 हजार से अधिक लोगों के साथ-साथ मैंने भी दोहराया. उसके बाद मैं देख रहा हूं कि भाजपा हमारे नेता अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को निशाना बना रही है यह मेरे लिए बहुत ही दुःखदाई है. अपने पत्र में उन्होंने कहा कि मनुवादी मानसिकता के लोग मुझे और मेरे परिवार को धमकी दे रहे हैं."
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गौतम ने पत्र में लिखा है कि "मुझे अरविंद केजरीवाल ने बहुत सम्मान एवं सहयोग दिया है. इसके लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा. मैं पार्टी द्वारा भारत को मजबूत करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, रोजगार, महिला एवं बाल सुरक्षा एवं समाज कल्याण के लिए उठाए गए कदमों की हृदय से सराहना करता हूं. इसी राह पर चलने से ही बाबासाहेब अंबेडकर के सपने साकार होंगे. बाबा साहेब एवं उनके द्वारा दिलाई गई इन 22 प्रतिज्ञाओं से भाजपा को आपत्ति है, जिसका इस्तेमाल करके भाजपा गंदी राजनीति कर रही है और इससे आहत होकर मैं अपने मंत्री पद से त्यागपत्र दे रहा हूं."