नई दिल्ली:जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई अकादमिक काउंसिल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इस बैठक में सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट ( सीयूसेट ) के माध्यम से दाखिले और इस वर्ष से एमफिल में दाखिला नहीं करने की सहमति बनी है. इसके अलावा भाषा अध्ययन केंद्र से हिंदी अनुवाद अध्ययन में एमए शुरू करने को लेकर भी सहमति बनी है. हालांकि जेएनयू शिक्षक संघ की ओर से इसका विरोध भी किया जा रहा है.
पढ़ें- दिल्ली में 4 महत्वपूर्ण परियोजनाओं को शुरू करेगी NHAI, जानें कैसे बदलेगी सड़कों की हालत
जेएनयू में एमफिल में इस वर्ष नहीं होगा एडमिशन
वहीं अकादमी काउंसिल की बैठक में शैक्षणिक सत्र 2021 - 22 में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत एमफिल प्रोग्राम को खत्म कर दिया गया है. इसके तहत जेएनयू में आगामी शैक्षणिक सत्र में एमफिल प्रोग्राम में दाखिला नहीं होगा. साथ ही कहा गया है कि जो छात्र पहले से एडमिशन ले चुके हैं उनकी पढ़ाई जारी रहेगी.
पढ़ें- दिल्ली के राजमार्गों के लिए मिले सरकारी फंड का पोस्टमार्टम
एजेएनआईएफएम के छात्रों को मिलेगी जेएनयू की डिग्री
जेएनयू में हुई अकादमिक काउंसिल की बैठक में अरुण जेटली नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फाइनेंशियल एंड मैनेजमेंट ( एजेएनआईएफएम ) के छात्रों को जेएनयू की डिग्री देने पर भी सहमति बनी है. यहां से पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन मैनेजमेंट फाइनेंस और पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट करने वाले छात्रों को जेएनयू की डिग्री दी जाएगी. मालूम हो कि जेएनयू अब तक सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज तिरुवंतपुरम, इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून से पढ़ने वाले छात्रों को ही डिग्री देता है.