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मार्च से जून के बीच सड़क दुर्घटना में मारे गये 29415 लोग: संजय सिंह - सड़क दुर्घटना में मारे गये 29415 लोग

आम आदमी पार्टी से राज्यसभा नेता संजय सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार का आंकड़ा ध्यान से देखिये, आपको पता चल जायेगा मजदूरों के लिये समय से ट्रेन ना चलाकर मोदी सरकार ने कितना बड़ा गुनाह किया है. मार्च से जून के बीच 29415 लोग सड़क दुर्घटना में मारे गये.

aap leader sanjay singh
राज्यसभा नेता संजय सिंह

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Published : Sep 23, 2020, 12:00 PM IST

नई दिल्ली:एक बार फिर आम आदमी पार्टी से राज्यसभा नेता संजय सिंह ने मोदी सरकार को घेरा है. उन्होंने इस बार लॉकडाउन में समय से ट्रेन ना चलने के कारण सड़क दुर्घटना में मारे गए मजदूरों और लोगों के मामले को उठाया है. इस मामले को लेकर उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधा है.

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा-

शर्मनाक: मोदी सरकार का आंकड़ा ध्यान से देखिये, आपको पता चल जायेगा मजदूरों के लिये समय से ट्रेन ना चलाकर मोदी सरकार ने कितना बड़ा गुनाह किया है. मार्च से जून के बीच जब पूरा देश बंद था, सिर्फ मजदूर सड़कों पर थे. 29415 लोग सड़क दुर्घटना में मारे गये.

क्या कहते हैं आंकड़े

  • प्रवासी श्रमिकों के संबंध में नहीं अलग से डेटा


बता दें कि 22 सितंबर को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाबमें केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने जानकारी दी कि मार्च से जून 2020 के दौरान 81,385 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 29,415 लोगों की जान गई. हालांकि साथ ही यह स्पष्ट भी किया गया है कि मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए प्रवासी श्रमिकों के संबंध में अलग से डेटा नहीं रखा है.

  • 1.06 करोड़ से अधिक प्रवासी लौटे थे गृह राज्य

सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री वीके सिंह ने बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान पैदल यात्रा करने वालों सहित 1.06 करोड़ से अधिक प्रवासी श्रमिक अपने गृह राज्य लौटे थे.

दूसरे सवाल के जवाब में बताया गया कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार मार्च-जून 2020 की अवधि के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग सहित सड़कों पर 81,385 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 29,415 जानें गई. हालांकि सरकार ने जिस तरह से जवाब दिया है, उससे यह स्पष्ट नहीं होता कि मरने वाले अपने घर-गांव लौट रहे प्रवासी श्रमिक ही थे.

  • 13 मई और 14 मई को हुए थे हादसे

गृह मंत्रालय ने 29 अप्रैल और 1 मई 2020 को जारी आदेश में प्रवासी मजदूरों को बसों और श्रमिक विशेष ट्रेनों से अपने मूल स्थानों पर जाने की इजाजत दी थी, लेकिन प्रवासी इससे पहले ही पैदल अपने मूल स्थानों के लिए निकल पड़े थे. इस दौरान किसी तरह के निजी वाहनों के चलने की इजाजत नहीं थी. यहां यह उल्लेखनीय है कि केंद्र ने बसों और ट्रेनों को चलने की इजाजत तो दे दी थी, लेकिन राज्य सरकारों की ओर से बसों का पर्याप्त इंतजाम नहीं था. 13 मई को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक बस की चपेट में आने से 6 मजूदरों की मौत और 14 मई को मध्यप्रदेश में बस की टक्कर से ट्रक में सवाल आठ प्रवासियों की मौत जैसी घटनाएं शामिल हैं.

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