नई दिल्ली:आम आदमी पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए पार्टी विधायक और प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि 56 इंच वाली मोदी सरकार अपने देशवासियों को टीका देने के बजाय दूर दराज के देशों में वैक्सीन भेज रही है. राघव ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने अपनी छवि चमकाने के लिए 645 लाख वैक्सीन एक्सपोर्ट कर दी है.
वैक्सीनेश पर 'आप' ने उठाया सवाल 'युगांडा, जमैका को दे रहे वैक्सीन'
राघव चड्ढा ने बताया कि 84 देशों को वैक्सीन एक्सपोर्ट की गई है और इसमें ऐसे भी देश शामिल हैं, जिनके नाम आज हम पहली बार पढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश, भूटान, बहरीन, ओमान, कुवैत, अर्जेंटीना, घाना, कीनिया, सेनेगल, माली, सूडान, युगांडा, जमैका, जिम्बाब्वे, नाइजीरिया और यमन जैसे देशों को वैक्सीन भेजी गई है. कई देश वैक्सीन स्टोर कर रहे हैं.
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'काफी धीमी है वैक्सीनेशन की रफ्तार'
यूके का जिक्र करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि भारत सरकार यूके जैसे विकसित देश को भी वैक्सीन भेज रही है, जिसके पास पहले से पर्याप्त वैक्सीन है और वो अपने देशवासियों की संख्या के अनुपात में दोगुना वैक्सीन स्टोर कर रहे हैं, जबकि हमारे देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी है. राघव ने कहा कि जिस स्पीड से अभी वैक्सीन लग रही है, वैसे देशभर को वैक्सीन लगवाने में 15 साल लग जाएंगे.
'70 फीसदी आबादी को 10 साल में वैक्सीन'
एक्सपर्ट्स का हवाला देते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि 70 फीसदी लोगों को वैक्सीन देने पर कोरोना को रोका जा सकता है, लेकिन उस 70 फीसदी आबादी को वैक्सीन देने में 10 साल लग जाएंगे. राघव चड्ढा ने यह भी कहा कि दूसरे देशों को वैक्सीन देने में भारत चीन से प्रतियोगिता कर रहा है. चीन वो देश है, जहां 90 हजार केस हैं, जबकि भारत में हर दिन 90 हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं.
'135 करोड़ लोग होने चाहिए प्राथमिकता'
राघव चड्ढा ने कहा कि भारत अकेला ऐसा देश है, जिसने अपने उतने देशवासियों को वैक्सीन नहीं लगाई, जितनी वैक्सीन अन्य देशों को दे दी. ये भी रिपोर्ट है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान को भी मोदी सरकार 45 मिलियन वैक्सीन डोज देने जा रही है. राघव ने कहा कि केंद्र के लिए वैक्सीनेशन की प्राथमिकता अपने 135 करोड़ लोग होने चाहिए, दूसरे देश नहीं.