नई दिल्ली:राष्ट्रीय राजधानी को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना के तहत दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में 70 हजार और स्ट्रीट लाइट लगाने जा रही है. जहां इस योजना के तहत जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहले सरकार ने दिल्ली में करीब 2.1 लाख स्ट्रीट लाइटें लगाने का लक्ष्य रखा था, अब इस योजना में लोगों की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए 70 हजार अतिरिक्त स्ट्रीट लाइट्स का फैसला किया गया है.
मंगलवार को शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अर्बन डेवलपमेंट विभाग को 2.1 लाख से बढ़ाकर अतिरिक्त 70 हजार स्ट्रीट लाइट्स लगाने की योजना को मंजूरी दी. उन्होंने इस परियोजना को समयसीमा के अंदर पूरा करने के निर्देश दिए. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने और महिलाओं के खिलाफ अपराध कम करने के लिए यह एक प्रभावी कदम होगा.
ब्लैक स्पाट्स को जल्द खत्म करने में मदद मिलेगीःभारद्वाज ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार ने साल 2019 में मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना की घोषणा की गई थी. इसके तहत दिल्ली में दो लाख दस हजार स्ट्रीट लाइटें लगाने का लक्ष्य रखा गया था. स्ट्रीट लाइट्स लगाने की जिम्मेदारी तीन अलग-अलग कंपनियों को दी गई थी. इसमें 10, 20 व 40 वाट की एलईडी लाइट लगाई जा रही है.
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वर्तमान में योजना के तहत विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के ज्यादातर डॉर्क स्पॉट में स्ट्रीट लाइट्स लगाई जा चुकी हैं और कुछ इलाकों में स्ट्रीट लाइट्स लगाने का कार्य अंतिम चरण पर है. अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर हमने हर दिल्ली में अलग अलग इलाकों में 70 हजार अतिरिक्त स्ट्रीट लाइट्स लगाने का फैसला लिया है. इससे दिल्ली के ब्लैक स्पाट्स को जल्द खत्म करने में मदद मिलेगी.
विधायक स्थलों को करेंगे चिह्नितः मंत्री ने बताया कि योजना के तहत स्थानीय विधायक लोगों के सहयोग से अंधेरे स्थलों को चिह्नित करेंगे. भवन मालिक की अनुमति लेने के बाद बिजली कंपनी सर्वे करती है. सर्वे में स्थान बिजली कंपनी की ओर से पास होने के बाद स्ट्रीट लाइट्स लगाई जाती है. बैठक के दौरान सौरभ भारद्वाज ने पहले चरण के बचे हुए कार्यों को पूरा करने के लिए तीनों कंपनियों को फंड जारी करने के भी निर्देश दिए.
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उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रावधान के तहत रास्ते में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए एमसीडी से अनुमति आवश्यकता है. पहले पोल लगाने की अनुमति न मिलने में परेशानी होती थी. ऐसे में दिल्ली के कई इलाकों में स्ट्रीट लाइट न होने के चलते लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. इस योजना के तहत अब मकान मालिक, विधायक और बिजली कंपनी मिलकर स्ट्रीट लाइटें लगा सकती है.
आटोमेटिक काम करती है ये स्ट्रीट लाइट्सः इस योजना के तहत लगाई जा रही लाइट्स आटोमेटिक है. इसमें सेंसर लगा होता है. ये लाइट्स स्वत: अंधेरा होने पर जल जाती है और सुबह सूरज निकलने पर बंद हो जाती है. दिल्ली में कार्यरत तीन कंपनियों की ओर से योजना का इम्प्लीमेंट, इंस्टालेशन, मेंटेनन्स किया जा रहा है. प्रत्येक डिस्कॉम को पहले 70 हजार स्ट्रीट लाइट लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी. अब इसे और बढ़ा दिया गया है. इस योजना में, टाइमर और सेंसर के साथ 20/40 वाट एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी.