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शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा सहित 35 पुलिसकर्मियों के लिए पदक का ऐलान

देशभर में स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां पूरे जोरों पर हैं. कल यानी 15 अगस्त को पूरा देश आजादी का जश्न मनाएगा. इसी बीच राजधानी दिल्ली के कुल 35 पुलिसकर्मियों को प्रतिष्ठित पुलिस पदक के लिए चुना गया है.

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Published : Aug 14, 2020, 8:49 PM IST

35 police officers got medals for their work on independence day
दिल्ली पुलिस पदक

नई दिल्लीः स्वतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली पुलिस के 35 अधिकारियों को उनके बेहतरीन काम के लिए पदक से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है. इनमें बाटला हाउस एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा का नाम भी शामिल है. पदक पाने वालों में 16 पुलिसकर्मियों को बहादुरी के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. तीन पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है, जबकि 16 अन्य पुलिसकर्मियों को पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है.

35 पुलिसकर्मियों के लिए पदक का ऐलान

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार स्पेशल सेल के डीसीपी मनीषी चंद्रा, एसीपी गोविंद शर्मा, बाटला हाउस मुठभेड़ में शहीद हुए इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा, इंस्पेक्टर विनय कुमार, इंस्पेक्टर संजय गुप्ता, राजेश कुमार, इंस्पेक्टर कैलाश चंद बिष्ट, धर्मेंद्र कुमार, रविन्द्र जोशी, विनोद कुमार बडोला, एसआई बने सिंह, एसआई अजेबीर सिंह, एसआई देवेंद्र सिंह, एएसआई शिवमंगल यादव, निसार अहमद और प्रवेश राठी को बहादुरी के लिए पुलिस मेडल मिला है.

इन अधिकारियों को भी मिला सम्मान

विशेष आयुक्त राजेश खुराना, एएसआई महेश सिंह यादव और एएसआई भूपेंद्र को पराष्ट्रपति पुलिस पदक मिला है. वहीं डीसीपी अमित रॉय, एके लाल, मोहम्मद इरशाद हैदर, एसीपी निर्मला देवी, एसीपी कैलाश चंद्र, एसीपी राजेश गौर, एसीपी चंद्रकांता, इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार, सब इंस्पेक्टर मंजू चौहान, एएसआई राकेश कुमार शर्मा और हवलदार मुकेश कुमार को उनके बेहतरीन काम के लिए पुलिस मेडल मिला है.

मोहनचंद शर्मा की टीम ने ढेर किया था आतंकी

10 अगस्त 2007 को स्पेशल सेल की टीम ने जम्मू में एक घर को घेरा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी को आत्मसमर्पण के लिए कहा. लेकिन वह बाहर नहीं निकला. अंदर मौजूद सैफुल्ला ने पुलिस टीम पर गोली चला दी और घर से भागने लगा. इसमें से एक गोली एसआई देवेंद्र सिंह को लगी. पुलिस की तरफ से जवाबी कार्रवाई की गई. लगभग आधे घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद जैश का आतंकी सैफुल्ला मारा गया था. वहीं उसका साथी जफर गोली लगने से घायल हुआ था. दोनों ही पाकिस्तानी आतंकी थे. वह 2001 में जम्मू कश्मीर से ऑपरेट कर रहे थे.

इस ऑपरेशन के लिए वह मौलाना मसूद अजहर से संपर्क में रहते थे और राम जन्मभूमि अयोध्या में उन्होंने हमला भी किया था. इस मामले में शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा, इंस्पेक्टर कैलाश चंद बिष्ट, इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार, एसआई देवेंद्र सिंह और एएसआई निसार अहमद को मेडल मिला है.

नीतू दाबोदा को एनकाउंटर में मिला पदक

24 अक्टूबर 2013 की रात सुरेंद्र मलिक उर्फ नीतू दाबोदा अपने साथियों सहित वसंत कुंज इलाके में i20 कार में पहुंचा था. यहां पर तत्कालीन एसीपी मनीषी चंद्रा की टीम से बदमाशों की मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में सुरेंद्र मलिक उर्फ नीतू दाबोदा ने एसीपी मनीषी चंद्रा पर गोली चलाई. इस वारदात में पुलिस की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की गई जिसमें नीतू दाबोदा मारा गया था. इस ऑपरेशन के लिए डीसीपी मनीषी चंद्रा, इंस्पेक्टर रविंदर जोशी, इंस्पेक्टर विनोद बडोला और एसआई बने सिंह को मेडल दिया गया है.

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