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World Radio Day: घर में रेडियो स्टेशन स्थापित कर जगा रहीं प्रेरणा की अलख, जानें क्या है रेडियो सबरंग

एक तरफ लोग जहां प्यार का हफ्ता, यानी वैलेंटाइन वीक मनाने में मशगूल हैं, तो वहीं आज 13 फरवरी को रेडियो प्रेमी विश्व रेडियो दिवस मना रहे हैं. आइए आज हम आपको बताते हैं उन महिलाओं के बारे में, जो रेडियो सबरंग के माध्यम से लोगों में प्रेरणा की अलख जगा रही हैं.

Women inspiring people through running Radio
Women inspiring people through running Radio

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Published : Feb 13, 2023, 12:40 PM IST

Updated : Feb 13, 2023, 1:57 PM IST

स्वाति चौहान ने बताया रेडियो सबरंग के बारे में

नई दिल्ली/गाजियाबाद:हर साल 13 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र विश्व रेडियो दिवस मनाता है. यूनेस्को द्वारा हर साल दुनियाभर के ब्रॉडकास्टर्स, संगठनों और समुदायों को बुलाकर उनके साथ मिलकर इस दिवस मनाया जाता है. इसमें रेडियो से जुड़ी चर्चा के साथ-साथ कई प्रोग्राम होते हैं, जिसमें संचार और मनोरंजन के साधन के लिए रेडियो की अहमियत को बताया जाता है. तो चलिए आज विश्व रेडियो दिवस पर हम आपको ऐसी महिलाओं के बारे में बताते हैं, जिन्होंने रेडियो सबरंग नामक ऑनलाइन रेडियो स्टेशन स्थापित कर एक नया प्रयोग कर रही हैं.

रेडियो सबरंग की शुरुआत: इसकी (https://radiosabrang.in) शुरुआत गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में रहने वाली तकरीबन 15 महिलाओं ने मिलकर एक साथ की थी. सभी का रेडियो से एक मजबूत कनेक्शन रहा है. बचपन में अधिकतर लोगों ने रेडियो सुना है और रेडियो सुनते हुए ही बड़े हुए हैं. रेडियो सबरंग को 10 सितंबर 2021 को लॉन्च किया गया था. शुरुआत में कई चुनौतियां भी सामने आई लेकिन टीम में शामिल सभी महिलाओं ने चुनौतियों का डटकर सामना किया. यही वजह है कि आज केवल दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि पूरे देश में रेडियो सबरंग अपनी एक अलग पहचान बना रहा है.

रेडियो सबरंग की फाउंडर स्वाति चौहान ने बताया कि, 'यह कोई कमर्शियल प्रोजेक्ट नहीं है. रेडियो सबरंग को चलाने के लिए सभी महिलाएं कंट्रीब्यूट करती हैं. इसमें इंस्पायरिंग स्टोरीज, बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्रों के लिए टिप्स, पर्यावरण के लिए काम कर रहे लोगों की कहानियां, यूपीएससी टॉपर्स एवं अन्य प्रसिद्ध लोगों के इंटरव्यू आदि सबरंग रेडियो के माध्यम से प्रसारित किए जाते हैं.' उन्होंने कहा, 'जैसा हमारा नाम है रेडियो सबरंग. ठीक उसी प्रकार से हम जीवन के हर पहलू को सामने लाने का प्रयास करते हैं.'

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कौन हैं स्वाति चौहान: बता दें कि स्वाति चौहान, बीबीसी समेत कई प्रतिष्ठित संस्थाओं में काम कर चुकी हैं. वे बताती हैं कि भले ही रेडियो सेट्स का चलन कम हो गया है, लेकिन रेडियो अब पॉडकास्ट के रूप में लोगों के बीच जा रहा है. रेडियो से लोगों का प्यार हमेशा बरकरार रहेगा. टीवी का चलन शुरू होने के बाद रेडियो, टीवी से थोड़ा बहुत पीछे जरूर हुआ है. लेकिन रेडियो हमेशा से हम लोगों के बीच रहा है. फर्क सिर्फ टेक्नोलोजी का है. वहीं इंटरनेट ने रेडियो को लोगों के और करीब ला दिया है.

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Last Updated : Feb 13, 2023, 1:57 PM IST

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