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क्रिकेट की पिच पर उतरे कैदी, आईपीएल की तर्ज पर डासना जेल में JPL का आयोजन

JPL IN Dasna Jail: आईपीएल की तर्ज पर उत्तर प्रदेश की डासना जेल में जेल प्रीमियर लीग का आयोजन किया जा रहा है. जेल प्रीमियर लीग के तहत 100 से अधिक क्रिकेट मैच होंगे. 24 दिसंबर से जीपीएल का शुभारंभ हुआ था, जो जनवरी के अंत में समाप्त होगा.

क्रिकेट की पिच पर उतरे कैदी
क्रिकेट की पिच पर उतरे कैदी

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 4, 2024, 4:49 PM IST

क्रिकेट की पिच पर उतरे कैदी

नई दिल्ली/गाजियाबाद: डासना जेल में आईपीएल की तर्ज पर जेल प्रीमियर लीग का आयोजन किया जा रहा है. जेल प्रीमियर लीग में कैदियों की विभिन्न टीमें क्रिकेट के महामुकाबले में उतरी है. डसना जेल के एक हिस्से को स्टेडियम के रूप में तैयार किया गया है. क्रिकेट मैच के लिए ग्राउंड और पिच बनाई गई है. साथ ही ग्राउंड पर मार्किंग भी की गई है. जिस तरह से स्टेडियम में बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर देखने को मिलते हैं ठीक उसी प्रकार क्रिकेट ग्राउंड में जेल प्रीमियर लीग के पोस्टर लगाए गए हैं. ग्राउंड के चारों तरफ बड़ी संख्या में कैदी जेपीएल का लुत्फ उठा रहे हैं.

जेल अधीक्षक आलोक सिंह के मुताबिक, डासना जेल में जेल प्रीमियर लीग के 19 वें सीजन का आयोजन हो रहा है. जेल में मौजूद बंदियों के मन में खेल भावना उत्पन्न करने और फिजिकली फिट रखने के उद्देश्य से विभिन्न खेलों का आयोजन होता है. जेल प्रीमियर लीग के तहत 100 से अधिक क्रिकेट मैच होंगे. 24 दिसंबर से जीपीएल का शुभारंभ हुआ था, जो जनवरी के अंत में समाप्त होगा.

"जेल में समय-समय पर विभिन्न खेलों का आयोजन होता है. जिस की जेल में बंद कैदियों में खेल भावना उत्पन्न हो रही है. फिटनेस लेवल इंप्रूव हो रहा है. कैदी जेपीएल का लुत्फ उठा रहे हैं"

अमित कुमार, बंदी

"डसना जेल में क्रिकेट समेत विभिन्न खेलों का आयोजन होता है. फिलहाल जेल प्रीमियर लीग चल रही है. मैं राइट हैंड बैट्समैन हूं और पास में नंबर पर बैटिंग करने उतरता हूं. यहां वैसे ही हम टेंशन में रहते हैं. खेलों के आयोजन से हमारा ध्यान भटकता है. टेंशन से बाहर निकालने के लिए खेल अच्छा साधन है. हमें पता नहीं लगता कि कब हमारा समय व्यतीत हो गया."

अनुज रावत, बंदी

बता दें, जेपीएल में टीमों को अलग-अलग रंगों की शर्ट दी गई है. जेल प्रशासन द्वारा जेपीएल के लिए कैदियों को क्रिकेट इक्विपमेंट भी उपलब्ध कराए गए हैं. खास बात है कि जेपीएल में कैदी ही अंपायर हैं. कैदियों द्वारा ही कमेंट्री भी की जा रही है. जब कोई कैदी हेलीकॉप्टर शॉट मारता है तो ग्राउंड में तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई देती है. जिस तरह से स्टेडियम के अंदर तालिया और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए फैंस चीयर अप करते हैं ठीक उसी प्रकार ग्राउंड के बाहर खड़े कैदी अपनी टीम को चीयर अप करते हुए दिखाई देते हैं.

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