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Delhi NCR Air Pollution: गैस चैंबर में तब्दील हुआ दिल्ली एनसीआर, सांस लेना हुआ मुश्किल

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Published : Nov 4, 2022, 12:18 PM IST

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण स्तर बेहद ही खराब स्थिति में है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का AQI 447 जो कि 'गंभीर' श्रेणी में है. वहीं गाजियाबाद का AQI 400 जो कि 'अत्यंत खराब' श्रेणी में है, जबकि नोएडा का AQI 417, ग्रेटर नोएडा में 438 है जो कि 'गंभीर' श्रेणी में है. इसके अलावा दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में AQI 'अत्यंत खराब' और 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच चुका है.

Delhi NCR Air Pollution
Delhi NCR Air Pollution

नई दिल्ली/गाजियाबाद:एनसीआर (Delhi pollution level rises) के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन (Red Zone 300-400 AQI) में और डार्क रेड जोन (Dark Red Zone 400-500 AQI) में दर्ज किया गया है. सुबह एनसीआर के कई इलाकों में धुंध की चादर भी देखने को मिली है. प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी के कारण लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिन इलाक़ों में प्रदूषण का स्तर 400 के पार है, वहां लोगों को आंखों में जलन महसूस करनी पड़ रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को दिल्ली देश में सबसे प्रदूषित शहर है.

दिल्ली एनसीआर के हालात मौजूदा समय में बेहद खराब नजर आ रहे हैं. दिल्ली के अलीपुर, शादीपुर, एनएसआईटी द्वारका, डीडीयू, आरके पुरम, नॉर्थ कैंपस, पूसा, द्वारका सेक्टर 8 समेत लगभग सभी इलाकों का AQI डार्क रेड जोन में बना हुआ है. यानी कि यहां का प्रदूषण स्तर 400 के पार है.

दिल्ली का प्रदूषण स्तर
दिल्ली का प्रदूषण स्तर

एनसीआर के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर-

एनसीआर के इलाके प्रदूषण स्तर
लोनी, गाज़ियाबाद 405
इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद 401
संजय नगर, गाजियाबाद 394
वसुंधरा, गाजियाबाद NA
सेक्टर 62, नोएडा 471
सेक्टर 116, नोएडा 423
सेक्टर 125, नोएडा 371
सेक्टर 1, नोएडा 404

बढ़ते प्रदूषण को लेकर क्रिकेटर शिखर धवन ने ट्वीट किया है. शिखर धवन ने कहा है हवा की गुणवत्ता देखकर बहुत दुख होता है. सरकार ने इसका समाधान खोजने की अपील करता हूं. नागरिकों से अनुरोध करता हूं संभव हो तो घर के अंदर रहे.

शिखर धवन का ट्वीट

एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

घर पर तैयार करें कॉटन मास्क:जो लोग अधिकतर समय खुले में बिताते हैं उन्हें प्रदूषण काफी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए उपाय करना भी बेहद जरूरी है. खुले भी अधिकतर समय बिताने वाले लोग घर में कॉटन का 4 लेयर का मास्क तैयार कर सकते हैं. जिसे गीला करके वह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं. जिससे कि पार्टिकुलेट मैटर सास के रास्ते शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. गीला होने के चलते पार्टिकुलेट मैटर मास्क में चिपक जाते हैं. हालांकि मार्च को समय-समय पर धोने की आवश्यकता होती है.

प्रदूषण बढ़ने पर बरते ये सावधानियां बरतें:बाहर निकलने से परहेज करें, सुबह और शाम लोग टहलने जाते हैं. खासकर बुजुर्ग और बच्चे शाम के वक्त पार्कों में दिखाई देते हैं. प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और बच्चों को होता है. जब प्रदूषण का स्तर सामान्य से काफी अधिक हो तो घर के बाहर जाने से बचें. खासकर वह लोग जिन की प्रतिरोधक क्षमता कम है. बच्चों और बुजुगों को भी बाहर जाने से परहेज करना चाहिए. एक्सरसाइज आदि भी घर के अंदर करें.

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