नई दिल्लीः दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी अब दिल्ली नगर निगम सदन को भी उसी मनमाने तरीके से चलाना चाहती है, जैसे दिल्ली विधानसभा को चलाती रही है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष चुना हुआ सदन ना होने से नगर निगम का बजट सत्र नहीं हो पाया. निगम अधिकारियों ने ही बजट पारित किया. उसी बीच निगम चुनाव हो गया, फिर भी महापौर एवं स्थाई समिति चुनाव टलते रहे.
कपूर ने कहा कि नगर निगम की 22 फरवरी की बैठक में आम आदमी पार्टी की महापौर डॉ. शैली ओबरॉय चुनी गई थीं. उन्हें उसी दिन से मालूम था कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा पारित बजट के विभागीय बजट प्रस्तावों पर चर्चा की जानी है. उसे स्वीकृत करना है, पर महापौर ने इस पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया. बजाए जनहित में बजट आवंटनों की बैठक बुलाने के महापौर स्थायी समिति चुनाव टालने, एल्डरमैन नियुक्ति को रद्द करवाने और अपनी पार्टी के भ्रष्ट नेताओं के समर्थन में व्यस्त रहीं. अब विपक्ष एवं निगम एक्ट के दबाव में महापौर ने कल मनमाने तरीके से पार्षदों को मात्र तीन दिन के नोटिस पर निगम बैठक बुलाने का नोटिस भेज दिया.
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उन्होंने कहा कि तय नियमों के मुताबिक बजट सभा के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाता है. ताकि निगम आयुक्त द्वारा लाए गए विभागीय बजट आवंटन प्रस्तावों पर पक्ष एवं विपक्ष दोनों अपने संशोधन ला सकें. खेद है कि महापौर ने नगर निगम के पार्षदों को मात्र 72 घंटे के नोटिस पर बजट निर्धारित स्वीकृत करने की बैठक बुला ली. इससे स्पष्ट है कि सत्ताधारी आम आदमी पार्टी विपक्ष को लिखित बजट संशोधन लाने का मौका ही नहीं देना चाहती और इसीलिए बजट सत्र दिशा-निर्देश अनुसार समय काट दिया गया.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि अधिकारियों द्वारा बनाये गये 2023-24 के बजट में बहुत सारे शुल्क बढ़ाये गए हैं. अधिकांश बजट आवंटन जनहित से ज्यादा रेवन्यू हितों को ध्यान में रख कर किए गए हैं. जिस तरह आम आदमी पार्टी विपक्ष को समय देने से बच रही है उससे साफ है कि वह अधिकारियों के लाये बजट को अक्षरश पारित करवाना चाहती है.
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