नई दिल्लीःपूर्वी दिल्ली के पांडव नगर इलाके में तकरीबन छह महीने पहले मिली मानव अंग की गुत्थी को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सुलझा लिया है, जिसमें पत्नी ने बेटे के साथ मिलकर अंजन दास की हत्या कर दी थी और शव को 10 टुकड़ों में करके फ्रिज में रख दिया था. आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि अंजन दास की परिवार की दूसरी महिलाओं पर बुरी नजर थी, इस कारण उसके मौत की साजिश रची गई. (Anjan Das was murdered by his wife and son in pandav nagar)
आरोपी पूनम देवी (48) मूल रूप से झारखंड के देवघर की रहने वाली है. 13 साल की उम्र में उसकी शादी बिहार के आरा जिले के रहने वाले सुखदेव तिवारी से हुई थी. 14 साल की उम्र में उसने एक बेटी को जन्म दिया. उसका पति काम के सिलसिले में दिल्ली आ गया, लेकिन वापस लौटकर नहीं गया. इसलिए साल 1997 में वह अपनी बेटी के साथ उनकी तलाश में दिल्ली आ गईं. जब वह दिल्ली पहुंची तो उसने अपने पति की तलाश की, लेकिन उसका पता नहीं चला.
इसके बाद वह त्रिलोकपुरी निवासी कल्लू से दिल्ली में मिली और उसके साथ रहने लगी. उसे कल्लू से दीपक (सह-आरोपी) नाम का एक बेटा और दो बेटियां हुई. उनकी एक बेटी की चार साल की उम्र में छत से गिरने से मौत हो गई थी. कल्लू शराबी था और कोई काम नहीं करता था. इसके बाद 2011 में वह अंजन दास से मिली, जो लिफ्ट मैकेनिक के रूप में काम करता था और किराए पर इमारत की ऊपरी मंजिल पर रह रहा था. चूंकि कल्लू शराबी था और उस पर ध्यान नहीं देता था, इसलिए वह अंजन दास के करीब हो गई और उसे पसंद करने लगी.
2016 में लीवर फेल होने की वजह से कल्लू की मौत हो गई. इसके बाद वह अंजन दास के साथ रहने लगी. बाद में, उसे पता चला कि अंजन दास पहले से ही शादीशुदा था और उसकी पहली पत्नी से आठ बच्चे (सात बेटियां और एक बेटा) थे. अंजन दास भी काम करना बंद कर दिया और अपनी सारी कमाई अपने खर्चों के लिए पूनम पर आश्रित हो गया. उसने उसके गहने/नकदी चुराकर बिहार में अपनी पहली पत्नी/बच्चों को भेज दी, जिसके चलते उनके बीच कई बार झगड़ा हुआ.