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जिस वसूली के मामले में AAP विधायक मनोज हुए थे बरी, उसी में उनका सहयोगी दोषी करार

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Published : May 29, 2019, 10:49 PM IST

Updated : May 29, 2019, 11:24 PM IST

कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायक मनोज कुमार के सहयोगी दिनेश कुमार ऊर्फ दीपक शर्मा को साल 2015 में एक सरकारी राशन की दुकान से वसूली के मामले में दोषी करार दिया है.

AAP विधायक मनोज कुमार का सहयोगी दोषी करार

नई दिल्ली:राजधानी की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कोंडली से आम आदमी पार्टी के विधायक मनोज कुमार के सहयोगी दिनेश कुमार ऊर्फ दीपक शर्मा को साल 2015 में एक सरकारी राशन की दुकान से वसूली के मामले में दोषी करार दिया है. इस मामले में विधायक मनोज कुमार को कोर्ट ने आरोप तय होने के समय ही अप्रैल 2018 में बरी कर दिया था.

मामला अप्रैल 2015 का है. कल्याणपुरी में सरकारी राशन की दुकान के सेल्समैन संदीप कुमार ने पुलिस से शिकायत की थी कि दो-तीन लोग उसकी दुकान पर आम आदमी पार्टी की टोपी लगाए हुए आए. उसमें एक व्यक्ति ने स्थानीय विधायक मनोज कुमार का खुद को निजी सहायक बताया और कहा कि उसने कई सरकारी राशन की दुकानों को सील करवाया है. वह व्यक्ति उसे दुकान के एक तरफ लेकर गया और कहा कि उसे हर महीने दो हजार रुपये मिलने चाहिए, वरना दुकान सील करा दी जाएगी. तब सेल्समैन ने कहा कि वो ये नहीं जानता कि उसका पैसा स्थानीय विधायक के पास जाएगा या नहीं.

उसके बाद सेल्समैन ने उस दुकान के लाईसेंस धारक रमेश चंद से बात की. रमेश चंद ने सेल्समैन से कहा कि वो उसे दो हजार रुपये दे दे, वरना ये लोग परेशान करते रहेंगे. उसके बाद वो हर महीने दो हजार रुपये देता रहा. 11 अगस्त 2015 को सेल्समैन ने पैसा वसूलने वाले उस व्यक्ति को तब पहचाना, जब उसे पुलिस ने पकड़ा. उसके बाद उसका भय खत्म हुआ और उसने उसी दिन पुलिस के पास एफआईआर दर्ज कराई.

विधायक को बरी कर दिया
इस मामले में कोर्ट ने पांच गवाहों के बयान दर्ज किए थे. पुलिस ने इस मामले में 17 नवंबर 2016 को दिनेश कुमार और विधायक मनोज कुमार के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था लेकिन पुलिस मनोज कुमार के खिलाफ इस मामले में विश्वसनीय साक्ष्य पेश नहीं कर सकी, जिसकी वजह से कोर्ट ने आरोप तय करते समय विधायक को बरी कर दिया.

'झूठे मुकदमे में फंसाना चाहते हैं दुकानदार'
अपने बचाव में दिनेश कुमार ने कोर्ट को बताया था कि वह आम आदमी पार्टी का सदस्य है इसलिए उसे भी विधायक ने राशन की सरकारी दुकान के लिए गठित विजिलेंस कमेटी का हिस्सा बनाया था. इसकी वजह से राशन की सरकारी दुकानों के लाईसेंस धारक उसे झूठे मुकदमे में फंसाना चाहते थे. ये दुकानदार आवंटन के नियमों का पालन नहीं करते थे. इसलिए इस केस से मिलते-जुलते दूसरे केस मेरे और विधायक के खिलाफ दर्ज करवाए गए हैं. उसने इस बात से इनकार किया कि उसने राशन की दुकानों से कोई पैसे वसूले हैं.

कोर्ट ने शिकायतकर्ता संदीप कुमार के बयान पर एतबार करते हुए दिनेश कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 384 का दोषी करार दिया. इस मामले में कोर्ट सजा की अवधि पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के लिए 29 मई की तारीख निर्धारित की है.

Last Updated : May 29, 2019, 11:24 PM IST

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