नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा सूरत में परमाणु बम धमाका करने की साजिश रचने के आरोप में इंडियन मुजाहिदीन के 11 आतंकवादियों पर आरोप तय करने का आदेश दिया है. यासीन भटकल अपने सहयोगी दानिश के साथ मिलकर मुस्लिम युवाओं को बाबरी मस्जिद विध्वंस और गुजरात दंगों की याद दिलाकर इंडियन मुजाहिदीन में भर्ती करने के लिए प्रेरित करता था.
कोर्ट ने इस मामले में देशद्रोह के तहत आरोप तय करने का आदेश देते समय उनके बारे में और कई जानकारियां दी. कोर्ट ने कहा कि भटकल को पहले भी हैदराबाद में हुए बम धमाकों में मौत की सजा हो चुकी है. इससे पहले भी बनारस जिला अदालत सहित देश के कई हिस्सों में बम धमाका को लेकर इंडियन मुजाहिदीन ने जिम्मेदारी ली थी. कोर्ट ने कहा कि गवाहों के बयानों से साबित होता है कि भटकल भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रच रहा था.
कौन है यासीन भटकल: यासीन भटकल कर्नाटक के गांव भटकल का रहने वाला है. उसे 28 अगस्त 2013 को पुलिस ने नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था. पहले यह अलकायदा से जुड़ा था, लेकिन 2002 में गुजरात के गोधरा में हुए दंगों के बाद भटकल ने 2003 में अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इंडियन मुजाहिदीन की स्थापना की थी. इसके बाद से वह देश में हुए कई बम धमाकों में लिप्त रहा है.
समझिए कहां से आया इंडियन मुजाहिदीन: गौरतलब है कि इंडियन मुजाहिदीन की आतंकवादी घटनाओं में भूमिका का पहली बार खुलासा तब हुआ था. जब 23 नवंबर 2007 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी, फैजाबाद (अयोध्या) और लखनऊ की अदालतों में बमबारी के बाद कुछ मीडिया चैनलों व समाचार पत्रों को एक ईमेल प्राप्त हुआ.