नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपी शशि थरुर के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप तय हो. दिल्ली पुलिस ने स्पेशल जज अजय कुमार कुहार की कोर्ट से शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए और 306 के तहत आरोप तय करने की मांग की. आरोप तय करने को लेकर कोर्ट अब अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को करेगा.
'सुनंदा पुष्कर कभी खुदकुशी के बार में नहीं सोच सकती'
सुनवाई के दौरान सुनंदा पुष्कर के भाई आशीष दास ने कोर्ट को बताया कि सुनंदा अपनी शादीशुदा जिंदगी से खुश थी लेकिन अपने आखिरी दिनों में वह काफी परेशान थी, लेकिन वो खुदकुशी के बारे में सोच भी नहीं सकती थी. सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट से कहा कि सुनंदा पुष्कर अपनी दोस्त नलिनी सिंह से अपनी निजी जिंदगी की बातें शेयर करती थी. नलिनी सिंह ने बताया कि शशि थरूर के पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार से काफी नजदीकियां थीं. थरुर और मेहर तरार ने दुबई में तीन रातें एक साथ बिताई थी.
नलिनी सिंह ने बताया था कि सुनंदा ने अपनी मौत के एक दिन पहले उन्हें फोन कर बताया कि शशि थरूर और मेहर तरार रोमांटिक मैसेज शेयर करते हैं. मैसेज में लिखा था कि थरुर आम चुनाव के बाद सुनंदा को तलाक दे देंगे. अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि शशि थरूर ने सुनंदा पुष्कर को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. जिसकी वजह से उसने खुदकुशी की. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र किया जिसमें मानसिक प्रताड़ना को भी क्रूरता की श्रेणी में माना गया है.
इन दलीलों का शशि थरूर के वकील ने विरोध करते हुए कहा कि लोक अभियोजक वो बातें कह रहे हैं जो एसआईटी द्वारा एकत्र किए गए सबूतों के विपरीत हैं. शशि थरूर के वकील ने इस पर अगली तिथि को बहस करने की मांग की.
पिछले 18 जुलाई को कोर्ट ने ने अभियोजन पक्ष को विशेषज्ञों से दिशानिर्देश लेने के लिए दस्तावेज साझा करने की अनुमति दे दी थी. कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को किसी तीसरे पक्ष से दस्तावेज साझा करने से मना किया था.