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हवाई जहाज से मानव मल गिराने के खिलाफ दायर याचिका खारिज

एक रिटायर्ड आर्मी अफसर सतवंत सिंह दहिया ने याचिका दायर कर उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके मकान की दीवार पर विमान से मानव मल गिराया गया. एनजीटी ने कहा कि हो सकता है कि ये घटना किसी की कारस्तानी हो.

Petition filed to NGT against human excrement
एनजीटी

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Published : Jan 30, 2020, 10:04 PM IST

नई दिल्ली: एनजीटी ने दक्षिणी दिल्ली के रिटायर्ड आर्मी अफसर की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने मकान की दीवार पर विमान से मानव मल गिरने का आरोप लगाया था. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि याचिकाकर्ता के मकान की दीवार पर विमान का मानव मल गिराया गया हो.

छत पर मल और मलबा गिरा मिलता है
रिटायर्ड आर्मी अफसर सतवंत सिंह दहिया ने आरोप लगाया था कि उनके दक्षिण दिल्ली स्थित घर की छत पर मल और मलबा गिरा मिलता है. एनजीटी ने कहा कि अगर विमान से मल गिरने की घटना होती, तो ये बार-बार होती, क्योंकि विमान बड़ी संख्या में आते और जाते हैं. दो घटनाओं के अलावा ऐसी किसी घटना का कोई सबूत नहीं है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर फैसला
एनजीटी ने कहा कि हो सकता है कि ये घटना किसी की कारस्तानी हो. एनजीटी ने ये फैसला केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की उस रिपोर्ट पर गौर करने के बाद दिया. जिसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता के घर की दीवार पर मल के स्रोत का पता नहीं चल सका.

50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया था
20 दिसंबर 2016 को एनजीटी ने नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को निर्देश दिया था कि सभी एयरलाईंस कंपनियों को ये सर्कुलर जारी करें कि अगर उनके विमान से बीच हवा में मानव मल गिराया जाता है, तो उनके खिलाफ 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

एनजीटी के इस आदेश के बाद डीजीसीए ने इस आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग की. डीजीसीए का कहना था कि बीच हवा में विमान से मानव मल गिराना नामुमकिन है. ये केवल ग्राउंड पर ही निस्तारित किया जा सकता है.

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