नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद स्थित शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र (Shiv Shankar Jyotish Evam Vastu Anusandhan Kendra, Ghaziabad) के आचार्य शिव कुमार शर्मा (Acharya Shiv Kumar Sharma) के मुताबिक 3 दिसंबर 2022 दिन शनिवार को गीता जयंती मनाई जाएगी.
गीता जयंती मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि को मनाई जाती है. आज से लगभग पांच हज़ार वर्ष पहले कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में कौरवों और पांडवों की दोनों सेनाओं के बीच जब अर्जुन अपने सगे संबंधियों को देखकर निराश होकर रथ के पीछे बैठ गए. तब उनके सारथी भगवान श्री कृष्ण ने उनको गीता का उपदेश दिया था. उस दिन मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी थी. उसी के दिन से यह पर्व निरंतर चला आ रहा है.
निष्काम कर्म योग, ज्ञान योग का विस्तृत वर्णन करते हुए आत्मा को अजर अमर बताने वाले भगवान श्री कृष्ण ने अपने उपदेश से अर्जुन के इस मोह को नष्ट किया था. भगवान श्री कृष्ण ने कहा था तुम तो केवल मात्र निमित्त हो. जो तुम विशाल सेना और महारथियों को देख रहे हो यह सब पहले ही काल गति में समा रही है. कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को अपना विराट रूप दिखाया था, जिसमें सारी कौरव सेना, बड़े-बड़े महारथी उनके मुख में समा रहे थे. यह देख करके अर्जुन का मोह समाप्त हुआ और युद्ध के लिए तैयार हुए. श्रीमद्भगवद्गीता निष्काम कर्म योग, ज्ञान, भक्ति और कर्म का उपदेश देने वाला ग्रंथ है. इसके अध्ययन करने और नित्य पाठ करने से मानसिक शांति और ईश्वर के प्रति भक्ति उत्पन्न होती है.
व्रत करने से मिलेगी पापों से मुक्ति
तीन दिसंबर को ही मोक्षदा एकादशी है. मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति पापों से मुक्त होकर के मोक्ष प्राप्त कर लेता है. उस दिन एकादशी प्रातः काल 5:39 से आरंभ होकर अगले दिन सूर्य उदय से पहले 5:34 बजे पर समाप्त होगी. उसके बाद द्वादशी तिथि आरंभ होगी.
कार्यों में मिलेगी सफलता