नई दिल्ली: DCW ने एक बार फिर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. महिला आयोग का ये नोटिस जमानत पर छूटे बलात्कार के आरोपियों की जानकारी से जुड़ा हुआ है. महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि जमानत पर या पैरोल पर बलात्कार के कितने आरोपी बाहर है.
दिल्ली महिला आयोग ने 15 जून को नरेला में 7 साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के बाद ये कदम उठाया है. मीडिया रिपोर्ट में ये बताया गया था कि इस मामले में अभियुक्त 2011 में भी एक नाबालिग लड़की के बलात्कार के मामले में गिरफ्तार हो चुका है. जेल में एक साल बिताने के बाद वो जमानत पर छूट कर बाहर आया हुआ था और उसके बाद उसने बलात्कार की दूसरी वारदात को अंजाम दिया.
DCW ने दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस 'कड़े कदम उठाए पुलिस'
इसके अलावा एक अन्य मामले में कुछ दिन पहले जमानत पर बाहर आये हुए बलात्कार के अभियुक्त ने एक 7 साल की बच्च्ची का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी थी. ऐसे कई और मामले भी सामने आये हैं जिनमें जमानत पर छूट कर आये बलात्कार के आरोपियों ने दोबारा रेप जैसी संगीन वारदातों को अंजाम दिया हो. आयोग का मानना है कि पुलिस को ऐसे अपराधियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है.
आयोग ने पुलिस को नोटिस भेजकर उनसे सूचना मांगी है, आयोग ने पुलिस से बलात्कार और पोक्सो के मामलों में दोषी और आरोपित व्यक्तियों की सूचना मांगी है जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रखी है और जो अभी जमानत पर या पैरोल पर बाहर घूम रहे हैं.
रिहा हुए अपराधियों की गतिविधियों पर कैसे रखी जा रही नजर-दिल्ली महिला आयोग
आयोग ने इन मामलों की एफआईआर की कॉपी, चार्जशीट की स्थिति, अभियुक्त के जमानत पर रिहा होने की तारीख, जेल से छूटने से पहले वहां रहने का समय इत्यादि की जानकारी मांगी है. साथ ही पूछा है कि जमानत पर छूटे हुए अभियुक्त को दोबारा अपराध करने से रोकने के लिए उनकी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए क्या क्या व्यवस्था की गयी है.
8 जुलाई तक देना है जवाब
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालिवाल ने कहा, कि अधिकारी यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह के जघन्य अपराध फिर से न हो. विकसित देशों में जमानत पर छूटे हुए अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मजबूत निगरानी व्यवस्था होती है. हम इस मुद्दे पर दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि दोबारा से ऐसे अपराध ना हो इसके लिए एक उचित व्यवस्था बने. आयोग ने पुलिस को 8 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है.