नई दिल्ली: कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम यानी ई-सिगरेट के लिए उपयुक्त नियम बनाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को ज्ञापन भेजा है. इस ज्ञापन के जरिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का सुझाव दिया है. जो इस पर व्यापक अध्ययन कर नियम कानून बनाने की सिफारिश सरकार को करें.
इस सुझाव में कैट ने डॉक्टर हर्षवर्धन से आग्रह किया है कि धूम्रपान करने वालों की आयु सीमा 18 वर्ष से बढ़ाकर 25 वर्ष कर दी जाए. केंद्रीय मंत्री को भेजे अपने ज्ञापन में कैट ने कहा है कि सरकार ने कई तंबाकू नियंत्रण उपायों की शुरुआत की है. लेकिन इतने प्रयासों के बावजूद जिस दर पर धूम्रपान का प्रचलन बढ़ रहा है, वह अत्यंत विचारणीय है. दिल्ली में धूम्रपान का प्रचलन 11.3 प्रतिशत है. जो भारतीय औसत 10.7 प्रतिशत से अधिक है.
ज्ञापन में कहा गया है कि तंबाकू एवं धूम्रपान दुनिया में रोग और मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है. प्रत्येक वर्ष तंबाकू के कारण 1.3 मिलियन से अधिक भारतीय मर जाते हैं.
कैट ने कहा कि ई-सिगरेट जैसे और भी अन्य कम नुकसान के विकल्प सिगरेट के उपयोग को देश में कम कर सकते हैं. सिगरेट का धुआं धूम्रपान करने वालों को 400 से अधिक विषैले पदार्थों और 69 ज्ञात कार्सिनोजेंस पैदा करता है. वही ई-सिगरेट जो एक इलेक्ट्रॉनिक विकल्प है. इन विषाक्त पदार्थों और कैंसर पैदा करने वाले रसायनों का उत्सर्जन किए बिना उपयोगकर्ताओं को निकोटीन के समान मात्रा प्रदान करता है.