भुवनेश्वर : 15वां हॉकी विश्व कप 13 जनवरी से भुवनेश्वर में शुरू होने जा रहा है. ओडिशा में लगातार दूसरी बार विश्व कप का आयोजन हो रहा है. हॉकी के इस महासंग्राम में दुनिया की 16 धाकड़ टीमें भाग लेंगी. टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया है. पूल ए में ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, अर्जेंटीना, पूल बी में बेल्जियम, जापान, कोरिया, जर्मनी, पूल सी में नीदरलैंड्स, चिली, मलेशिया, न्यूजीलैंड और पूल डी में भारत, वेल्स, स्पेन, इंग्लैंड हैं
विश्व कप में भाग लेने वाली कई मजबूत टीमें हैं जो ट्रॉफी जीत सकती हैं. चार बार की चैंपियन पाकिस्तान इस बार विश्व कप बनने की हालत में नहीं हैं. हॉकी विश्व कप जीतने की 5 सबसे बड़ी दावेदार टीमों पर आईए नजर डालते हैं.
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया हॉकी रैंकिंग में नंबर 1 पर है इसलिए इसे टूर्नामेंट की सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है. तीन बार की विश्व कप विजेता टीम का टूर्नामेंट के 48 साल के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ स्कोरिंग रिकॉर्ड है. उन्होंने अपने 92 मैचों में से 69 मैच जीते हैं. ऑस्ट्रेलिया ने 1986 में अपना पहला खिताब जीता था. उसके बाद 2010 और 2014 में भी विश्व कप जीत कर इतिहास रचा.
नीदरलैंड्स
पिछले दो हॉकी विश्व कप में डच टीम को हार का सामना करना पड़ा. 2018 विश्व कप फाइनल में वो बेल्जियम से पेनल्टी शूटआउट में हार गए थे. टीम के पास वर्तमान में सबसे अधिक हॉकी विश्व कप फाइनल हार (4) का रिकॉर्ड है. वे पिछले दो विश्व कप में उपविजेता रहे हैं. डचों ने अपने इतिहास में पुरुषों का हॉकी विश्व कप तीन बार जीता है. मुख्य कोच जीरो डेल्मी को इस बार विश्व कप जीतने का भरोसा है.