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Olympics: अतीत के कुछ रोचक पहलू...

टोक्यो ओलंपिक में भारत की ओर से 100 से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. स्विमिंग समेत कई ऐसे इवेंट हैं, जिसमें भारत पहली बार जगह बनाने में कामयाब हुआ है. आइए जानते हैं, ओलंपिक से जुड़े कुछ रोचक पहलू.

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टोक्यो ओलंपिक 2020

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Published : Jul 14, 2021, 3:57 PM IST

नई दिल्ली:टोक्यो ओलंपिक करीब हैं. ऐसे में पिछले ओलंपिक खेलों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य हम आपको बताएंगे. 23 जुलाई से शुरू हो रही इस सीरीज में साल 1896 और 1900 में हुए आधुनिक ओलंपिक के पहले दो खेलों से जुड़े कुछ अहम बिंदू और रोचक पहलू इस प्रकार हैं.

1896, एथेंस ओलंपिक:

  • रोमन सम्राट थियोडोसियस ने करीब 1500 साल पहले प्रतिबंधित किए जाने के बाद एथेंस में प्राचीन यूनान की खोई हुई परंपरा ओलंपिक खेलों को दोबारा जीवित किया.
  • अतीत की प्रतियोगिताओं की तरह साल 1896 एथेंस खेलों में भी सिर्फ पुरुष प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. यह आधुनिक ओलंपिक में एकमात्र खेल थे, जिसका हिस्सा महिला प्रतिभागी नहीं थी.
  • छह से 15 अप्रैल तक हुए इन खेलों में 14 देशों के 241 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया.
  • खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स (ट्रैक एवं फील्ड), साइकिलिंग, तैराकी, जिम्नास्टिक, भारोत्तोलन, कुश्ती, तलवारबाजी, निशानेबाज और टेनिस की 43 स्पर्धाओं में हिस्सा लिया.
  • पहली बार विजेताओं को पदक सौंपे गए. हालांकि, इनमें से कोई स्वर्ण पदक नहीं था. पहले स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों को रजत पदक, जैतून की शाखा और डिप्लोमा दिया गया. दूसरे स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों को कांसे/तांबे का पदक, कल्पवृक्ष की शाखा और डिप्लोमा दिया गया.
  • अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) पूर्व समय से ही तीसरे स्थान पर रहने वाले सभी खिलाड़ियों के नाम पदक किए.
  • अमेरिका के ट्रैक और फील्ड एथलीट जेम्स कोनोली छह अप्रैल 1896 को त्रिकूद स्पर्धा जीतकर 1500 साल से भी अधिक समय में पहले ओलंपिक चैंपियन बने.
  • खेलों के दौरान पहली बार संगठित मैराथन का आयोजन किया गया. लेकिन लगभग आधे प्रतिभागी थकान के कारण स्पर्धा के बीच से हट गए. यूनान के स्पाईरिडन लुई ने यह स्पर्धा जीती.
  • तैराकी स्पर्धाएं जिया खाड़ी में हुईं. प्रतिभागियों को लकड़ी के लट्ठों से बनी नांव से ले जाया गया और फिर वे वहां से तट की ओर गए. इस दौरान रास्ता बताने के लिए बीच में से खाली किए गए सीताफल रस्सी से बांधे गए थे, जो पानी में तैर रहे थे.
  • जर्मनी के कार्ल शुमान आधुनिक युग के पहले ओलंपिक के सबसे सफल खिलाड़ी रहे. उन्होंने जिम्नास्टिक और कुश्ती की चार स्पर्धाओं में शीर्ष स्थान हासिल किया. उन्होंने भारोत्तोलन में भी हिस्सा लिया.
  • यूनान के जिम्नास्ट दिमित्रोस लोंड्रास दस्तावेजों के अनुसार सबसे युवा ओलंपियन बने. उन्होंने 10 साल और 218 दिन की उम्र में टीम समानांतर बार स्पर्धा में हिस्सा लिया और तीसरे स्थान पर रहे.
  • पेनाथेनिक स्टेडियम में हुए कुश्ती प्रतियोगिता के लिए कोई वजन वर्ग तय नहीं था. इसका मतलब यह था सभी प्रतिभागियों के बीच सिर्फ एक विजेता था. आधुनिक ग्रीको रोमन कुश्ती के नियम इसमें लागू थे. लेकिन समय की कोई सीमा नहीं थी.

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1900, पेरिस ओलंपिक:

  • इन खेलों का आयोजन पहली बार पेरिस में किया गया और आयोजकों ने पांच महीने तक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया.
  • एथेंस 1896 खेलों के विपरीत कोई उद्घाटन या समापन समारोह नहीं हुआ.
  • पहली बार ओलंपिक खेलों में महिलाओं को प्रतिस्पर्धा पेश करने का मौका मिला.
  • अमेरिका में जन्मी हेलेन डि पोरटेलस पहली महिला ओलंपिक चैंपियन बनीं. वह 1-2 टन नौकायन स्पर्धा में स्विट्जरलैंड की विजेता टीम का हिस्सा थीं.
  • ब्रिटेन की चार्लोट कूपर व्यक्तिगत ओलंपिक स्पर्धा जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं, उन्होंने महिला एकल टेनिस स्पर्धा जीती.
  • ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धाओं का आयोजन घास के मैदान में किया गया, जो असमतल और अधिकतर समय गीला होता था. टूटे हुए टेलीफोन के खंभों का इस्तेमाल बाधा दौड़ में बाधा उत्पन्न करने के लिए किया गया. तार गोला फेंक के खिलाड़ियों का प्रयास कई बार पेड़ों से टकरा जाता था.
  • भारोत्तोलन और कुश्ती को हटाकर 13 नए खेलों को शामिल किया गया.
  • पहली और एकमात्र बार क्रिकेट ओलंपिक का हिस्सा बना. सिर्फ दो देशों ग्रेट ब्रिटेन और मेजबान फ्रांस ने स्पर्धा में हिस्सा लिया.
  • निशानेबाजी में निशाने के तौर पर जीवित कबूतरों का इस्तेमाल किया गया. यह ओलंपिक इतिहास में पहली और एकमात्र बार था, जब जानबूझकर जानवरों को मारा गया. निशानेबाजों के सामने एक बार में एक कबूतर को छोड़ा जाता था और आकाश में सबसे अधिक पक्षियों को मारने वाले को विजेता घोषित किया जाता था.
  • फ्रांस-हैती के रग्बी खिलाड़ी कोंसटेनटिन हेनरिक्स स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले अश्वेत खिलाड़ी बने. वह फ्रांस की टीम का हिस्से थे, जिसने ग्रेट ब्रिटेन और जर्मनी को हराकर जीत दर्ज की. हेनरिक्स को ओलंपिक में पहला अश्वेत प्रतिभागी भी माना जाता है.

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