नई दिल्ली: सुनील शेट्टी को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है और इस संस्था को उम्मीद है कि उनकी लोकप्रियता से देश में खेलों को डोपिंग के कलंक से निजात दिलाने में मदद मिलेगी.
बता दें कि इस साल 150 से अधिक खिलाड़ी डोप परीक्षण में नाकाम रहे. इनमें हालांकि एक तिहाई से भी अधिक बॉडी बिल्डर हैं. टोक्यो ओलंपिक खेलों में जब 8 महीने से भी कम समय बचा है तब इसे अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता है.
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने इस साल के शुरू में नाडा प्रयोगशाला को निलंबित कर दिया था और अब नाडा जो भी नमूने एकत्रित करता है उनका भारत से बाहर परीक्षण किया जाएगा।
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने कहा कि शेट्टी की ख्याति और लोकप्रियता का प्रभाव किसी पूर्व या वर्तमान खिलाड़ी की तुलना में अधिक पड़ेगा.
उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि सुनील शेट्टी जैसा मशहूर अभिनेता डोपिंग के खिलाफ संदेश देने में सफल रहेगा कि डोपिंग खुद के और देश के लिए सही नहीं है. हमें लगता है कि किसी अभिनेता की देश के लोगों में ज्यादा पहुंच होती है.'
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने भारतीय एजेंसी की प्रयोगशाला को सस्पेंड कर दिया था. अब नाडा में जो भी नमूने इकट्ठा किया जाएंगे उनका टेस्ट भारत से बाहर किया जाएगा.