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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 14, 2024, 2:38 PM IST

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मानवजीत पेरिस ओलंपिक क्वालिफायर में हुए विफल, राजनीति को ठहराया जिम्मेदार

मानवजीत सिंह संधू की पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की कोशिश को बड़ा झटका लगा है. कुवैत में एशियाई क्वालीफायर से पहले उपकरण नियंत्रण परीक्षण में उनका गन स्टॉक विफल हो गया. संधू ने इसके लिए "राजनीति" को जिम्मेदार ठहराया.

मानवजीत सिंह संधू
मानवजीत सिंह संधू

नई दिल्ली : कुवैत में चल रही पेरिस ओलंपिक के लिए एशियाई क्वालिफायर मुकाबले से पहले भारतीय अनुभवी निशानेबाज मानवजीत सिंह संधू की बंदूक विफल हो गई. जिसकी वजह से उनको बड़ा झटका लगा है. इसके बाद निशानेबाज संधू ने राजनीति को जिम्मेदार ठहराते हुए गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह जानबूझकर किया गया है.

संधू ने कहा कि टूर्नामेंट के निदेशक राजनीति कर रहे हैं क्योंकि वह भारत के ओलंपिक कोटा जीतने ने डरे हुए थे. 47 साल के संधू 2006 के विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता हैं. और उन्होंने राष्ट्रीय टीम में तीन साल बाद वापसी की है. उन्होंने कहा है कि सुबह हम उपकरण जूरी के पास अपनी बंदूक परीक्षण कराने के लिए गए. उन्होंने मेरी बंदूक को पास कर दिया. इसी बीच किसी ने टूर्नामेंट डायरेक्टर (टीडी) को सूचित कर दिया और टीडी ने हमारे खिलाफ वीटो कर दिया.

संधू ने कहा है कि हमने रियो ओलंपिक 2016 के खेलों में भी इसी उपकरण के साथ शूटिंग की थी. उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट निदेशक ने मेरे बंदूक परीक्षण विफल होने के बाद कईं बार तर्क बदला है और यह स्पष्ट है कि उनका इसको विफल करने के पीछे मकसद क्या है. मैं इसी स्टोक को 10 साल से उपयोग कर रहा हूं और, मैं इसके खिलाफ कानूनी रूप से आगे बढ़ूंगा.

मानवजीत ने कहा कि शनिवार को हुए घटनाक्रम से वह टूट गए हैं. सभी प्रयासों के बाद यह बहुत दिल तोडने वाला है. आप देश के लिए कोटा जीतने के लिए इतना इंतजार करते हैं मैंने इतनी मेहनत और इतना प्रयास और तैयारी की लेकिन, यह एक पल में चकनाचूर कर दिया है. मैं 3.5 साल बाद राष्ट्रीय टीम में वापसी कर रहा था. मैंने इस टूर्नामेंट के लिए तैयारी की थी, ट्रायल जीता, चयनित हुआ.

उन्होंने यह भी बताया कि वह नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कलिकेश सिंहदेव के संपर्क में थे. उन्होंने हमारी मदद करने का वादा किया है. हम अपना विरोध दर्ज कराएंगे और महासंघ मेरा समर्थन करेगा. हालांकि, बार-बार कोशिश करने के बावजूद कोच विक्रम राठौड़ ने फोन नहीं उठाया.

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