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राष्ट्रमंडल खेलों में खिलाड़ियों को होगी नस्लवाद के विरोध की छूट - Athletes to be allowed to take a knee in protest

राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड ग्रेवमबर्ग ने कहा कि, 'लोग कहते हैं, क्या आप भानुमती का पिटारा नहीं खोल रहे हैं. खैर नहीं, मुझे लगता है कि हम लोगों को अपने विचार रखने के अधिकार का सम्मान कर रहे हैं.'

Commonwealth Games
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Published : Jun 13, 2020, 3:57 PM IST

लंदन: राष्ट्रमंडल खेल उन खेल महासंघों की बढ़ती सूची में शामिल हो गया है जो खिलाड़ियों को कार्रवाई के डर के बिना नस्लवाद के खिलाफ विरोध करने की अनुमति दे रहे हैं.

अमेरिका में श्वेत पुलिस अधिकारी की बेरहमी से अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद दुनिया भर में नस्लवाद के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच फीफा और एनएफएल जैसे संगठनों ने खिलाड़ियों को मैच के दौरान विरोध करने की छूट दी है.

राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड ग्रेवमबर्ग ने गुरुवार को एक कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, "लोग कहते हैं, क्या आप भानुमती का पिटारा नहीं खोल रहे हैं. खैर नहीं, मुझे लगता है कि हम लोगों को अपने विचार रखने के अधिकार का सम्मान कर रहे हैं."

राष्ट्रमंडल खेल 2022

उदाहरण के लिए, बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में एथलीट घुटने के सहारे बैठ कर विरोध कर सकते है. ग्रेवमबर्ग ने हालांकि कहा कि "मेरे लिए इस (विरोध के तरीके के बारे में) पर कुछ कहना उचित नहीं होगा."

राष्ट्रमंडल खेलों में 70 से अधिक देशों और क्षेत्रों के खिलाड़ी भाग लेते है जिसमें कई अफ्रीकी देश भी शामिल है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भी बुधवार को कहा था कि वह इस पर विचार करेगा जिससे एथलीटों को टोक्यो ओलंपिक खेलों में मजबूत विरोध प्रदर्शन करने मंजूरी मिल सके.

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