बेंगलुरू : कोरोना महामारी के बीच भारतीय हॉकी टीम की ओलंपिक की तैयारियां बाधित हो गई लेकिन कोच ग्राहम रीड को अगले साल की शुरूआत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल की बहाली की उम्मीद है.
रीड ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक की तैयारी के लिए अब जितनी जल्दी खेलने का मौका मिले, उतना ही अच्छा होगा.
उन्होंने हॉकी इंडिया द्वारा जारी एक बयान में कहा, "हॉकी इंडिया के सहयोग से हमने अगले साल की शुरूआत में मैचों की योजना बनाई है. इनसे हमें पता चलेगा कि ओलंपिक की तैयारियां कैसी है और कहां अधिक मेहनत की जरूरत है."
कोच ग्राहम रीड के साथ हॉकी टीम के खिलाड़ी यहां साई (भारतीय खेल प्राधिकरण) के दक्षिण केंद्र में राष्ट्रीय शिविर में बीस सप्ताह बिताने के बाद भारतीय पुरूष टीम के कोर संभावित खिलाड़ी अपने अपने घर लौट गए.
रीड ने कहा, "हमने खिलाड़ियों को उस स्तर पर बनाए रखने की पूरी कोशिश की है जो अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए चाहिए होता है. दम खम, भार, रफ्तार और मांसपेशियों से जुड़े फिटनेस टेस्ट से पता चला है कि हम सही दिशा में हैं."
उन्होंने कहा, "हमारे अभ्यास सत्रों के आउटपुट के आंकड़े लगभग फरवरी के बराबर है जब टीम ने भुवनेश्वर में एफआईएच हॉकी प्रो लीग खेला था."
उन्होंने खिलाड़ियों की प्रतिबद्धता और समर्पण पर प्रसन्नता जताते हुए कहा, "पिछले चार महीने काफी कठिन थे. हम अपनी प्रगति से खुश हैं और जिस तरह से बायो बबल में खिलाड़ियों ने यह समय बिताया है, वह भी तारीफ के काबिल है."
कोच ने कहा, "आम तौर पर खिलाड़ी चार से छह सप्ताह शिविर में रहते हैं और फिर एक सप्ताह के ब्रेक पर अपने परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताते हैं. सप्ताह के अंत में सिनेमा या मॉल जाते हैं. लेकिन इस साल ऐसा कुछ नहीं हुआ. यह मानसिक तौर पर काफी कठिन था लेकिन खिलाड़ियों ने जैसे इसका सामना किया, मैं बहुत खुश हूं."