कोलकाता : भारी उत्साह और उत्सव की भावना के बीच, ईडन गार्डन्स के बाहर उदासी का माहौल भी था. प्रवेश पास की कमी के कारण नहीं, बल्कि ऑनलाइन धोखा खाने के कारण.
जब टिकटों की भारी मांग थी, तो इसकी बड़े पैमाने पर कालाबाजारी हुई, जिससे ऑनलाइन सहित हर मंच पर विवाद छिड़ गया, रविवार को कालाबाजारी करने वालों का बोलबाला था. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनों के बाद, हल्दिया के कौशिक सामंत और सुरजीत सामंत इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद स्टेडियम के बाहर रो रहे थे.
उन्होंने विज्ञापनदाताओं को 1500 रुपये के तीन टिकटों के लिए 4500 रुपये जमा किए, जिन्होंने उन्हें टिकट देने का वादा किया और उसी दिन टिकट खरीदने की बारीकियों को भी अंतिम रूप दे दिया. जैसा कि निर्णय लिया गया था, कौशिक और सुरजीत मातंगिनी हाजरा की मूर्ति के नीचे विज्ञापनदाता के आने और टिकट देने का इंतजार कर रहे थे.
लेकिन, विज्ञापनदाता नहीं आया. बार-बार फोन करने के बावजूद विज्ञापनदाता जॉनी चक्रवर्ती का फोन 'स्विच ऑफ' रहा क्योंकि स्टेडियम के अंदर से जोर-जोर से जयकारे की आवाजें आ रही थीं. तब हल्दिया के दोनों युवकों को समझ आया कि उनके साथ ठगी हुई है. लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा कि शिकायत किससे करें.