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MS Dhoni on Retirement : धोनी ने खुलासा किया, 2019 विश्व कप सेमीफाइनल में हार के बाद मैंने संन्यास लेने का मन बना लिया था

भारत के पूर्व कप्तान और महान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने खुलासा किया है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में भारत की दिल तोड़ने वाली हार के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की पूरी योजना बना ली थी.

ms dhoni
एमएस धोनी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 27, 2023, 5:30 PM IST

बेंगलुरु : महान क्रिकेटर और भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने खुलासा किया है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 विश्व कप सेमीफाइनल में हार से उन्हें दुख हुआ जिसके बाद उन्होंने अपने प्रसिद्ध सीमित ओवरों के करियर से संन्यास लेने का फैसला किया.

इंग्लैंड में हुए पिछले वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत 240 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहा था लेकिन उसकी बैटिंग लाइनअप शुरुआत में ही लड़खड़ा गई. ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने मैच में 77 रनों की शानदार पारी खेली, जबकि महेंद्र सिंह धोनी ने अर्धशतक बनाया, लेकिन वे भारत को फिनिश लाइन पर ले जाने में असफल रहे.

जब 2019 वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में कीवी टीम के खिलाफ मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में मार्टिन गुप्टिल ने एमएस धोनी को रन आउट किया तो लाखों दिल टूट गए. पहली बार सार्वजनिक रूप से हार के बारे में बोलते हुए, एमएस धोनी ने खुलासा किया कि हार के बाद वह भावनात्मक रूप से आहत थे और उन्होंने सफेद गेंद के प्रारूप से संन्यास लेने का मन बना लिया था.

धोनी ने हाल ही में कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'जब आप एक कांटे का मैच हार जाते हैं तो अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है. और अंदर ही अंदर मैंने अपनी पूरी योजना बना ली थी. मेरे लिए, वह आखिरी दिन था जब मैंने भारत के लिए क्रिकेट खेला. मैंने एक साल बाद संन्यास ले लिया लेकिन तथ्य यह है वह, उस दिन मैं रिटायर हो गया था. हम क्रिकेटरों को कुछ मशीनें और वह सब दी जाती हैं, इसलिए जब मैं ट्रेनर के पास मैंने उन्हें वह वापस कर दी. उन्होंने कहा, 'नहीं, आप इसे रखिए'. लेकिन मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि मैं उन्हें कैसे बताऊं कि अब मुझे इसकी जरूरत नहीं होगी. मैं उस समय इसकी घोषणा नहीं करना चाहता था'.

फैसले पर विचार करते समय अपनी भावनाओं को साझा करते हुए, एमएस धोनी ने टिप्पणी की कि फिर कभी देश का प्रतिनिधित्व नहीं करने का विचार उन्हें परेशान कर रहा था.

उन्होंने कहा, 'आप भावनाओं में चूर हैं. पिछले 12-15 वर्षों में आपने जो एकमात्र काम किया है वह है क्रिकेट खेलना. और फिर आपके लिए देश का प्रतिनिधित्व करने का कोई मौका नहीं है. बहुत सारे लोग हैं लेकिन केवल कुछ को ही वह अवसर मिलता है. चाहे आप कोई भी खेल खेलते हों, आप अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चाहे राष्ट्रमंडल खेल हों, ओलंपिक हों... इसलिए, एक बार जब मैंने क्रिकेट छोड़ दिया, तो मेरे पास अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का कोई रास्ता नहीं था'.

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