नई दिल्ली : रॉयल चैलेंजर बेंगलोर का आईपीएल में सफल भले ही काफी शानदार न रहा हो, लेकिन एक मामले में रॉयल चैलेंजर बेंगलोर ने सभी टीमों को पीछे छोड़ दिया है. रॉयल चैलेंजर बेंगलोर के साथ अंडर-19 विश्व कप विजेता कप्तान के रूप में 2008 में जुड़े विराट कोहली ने अब तक का पूरा साथ निभाया है. इस दौरान कई खिलाड़ी आए और गए . साथ ही कुछ खिलाड़ियों को अपनी टीम भी बदलनी पड़ी, लेकिन रॉयल चैलेंजर बेंगलोर के साथ कोहली का रिश्ता नहीं टूट पाया.
रॉयल चैलेंजर बेंगलोर ने 2008 में ही दिल्ली के खिलाड़ी और उस समय अंडर-19 विश्व कप विजेता कप्तान विराट कोहली पर बोली लगाकर हासिल कर लिया था. 15 साल पहले रॉयल चैलेंजर बेंगलोर के साथ जुड़ा रिश्ता आज भी कायम है. कोहली लीग में खेलने वाले एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जो केवल एक फ्रेंचाइजी के लिए खेलते रहे हैं. कोहली को रॉयल चैलेंजर बेंगलोर ने तब चुना था, जब दिल्ली ने उनमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी थी.
विराट कोहली का 2016 में बनाए गए रिकॉर्ड को अब तक कोई नहीं तोड़ पाया है. उन्होंने 4 शतकों के साथ रिकॉर्ड 973 रन बनाकर आरसीबी को फाइनल तक पहुंचाने में मदद की थी, लेकिन फाइनल में टीम को हार का सामना करना पड़ा था.
इंडियन प्रीमियर लीग में बैंगलोर के साथ ही वह अपने खेल करियर का अंत करेंगे. 2008 में आरसीबी के साथ जुड़े एक युवा खिलाड़ी ने डेनियल विटोरी के नेतृत्व में खुद को स्थापित करने से पहले राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले के मार्गदर्शन में बहुत कुछ सीखा था. उन्हें 2012 में रॉयल चैलेंजर बेंगलोर की कप्तानी करने के लिए कहा गया.