धारवाड़ : श्रीलंका के पूर्व स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन का धारवाड़ में सोफ्ट ड्रिंक का व्यवसाय स्थापित करना पर्यावरणविदों की आलोचना का शिकार हो गया है. पर्यावरणविद् सुरेश हेबलीकर के नेतृत्व में पर्यावरणविदों ने विरोध जताया. मुरलीधरन शीतल पेय, ऊर्जा पेय और उनके डिब्बे बनाने के लिए सीलोन बेवरेज कैन प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना करने की तैयारी में हैं.
कंपनी ने 900 करोड़ के निवेश के लिए धारवाड़ तालुक के मम्मीगट्टी में एक स्थान फाइनल किया था. सरकार पहले ही एफएमसीजी यूनिट के तहत एक इकाई स्थापित करने पर लगभग सहमत हो चुकी है. सरकार भी कुछ शर्तों पर सहमत हो गई है. क्लॉज के मुताबिक इस प्रोजोक्ट को रोजाना 20 लाख लीटर पानी की सप्लाई चाहिए होगी. हेबलीकर ने सवाल किया कि क्या हमें ऐसी कंपनी की जरूरत है जो इतना पानी मांगती हो. इसके खिलाफ पर्यावरणविद् सुरेश हेबलीकर के नेतृत्व में विरोध जताया गया.
15 लाख लोगों को प्रतिदिन 20 लाख लीटर पानी दिया जा सकता है. धारवाड़ में कोई स्थानीय जल स्रोत नहीं है. ऐसे में विरोध हो रहा है कि जिस उद्योग को इतना पानी चाहिए, उसकी कोई जरूरत नहीं है. ऐसे में संभावना है कि मुथैया मुरलीधरन को फैक्ट्री स्थापित करने में दिक्कत आएगी. उन्होंने आपत्ति जताई है कि अन्य उद्योग तो आएं, लेकिन पानी मांगने वाले उद्योग नहीं होने चाहिए. पर्यावरणविद् हेबलीकर ने सवाल किया- वे हमारा पानी ही लेते हैं और उसमें कुछ सामग्री मिलाकर बेचते हैं. ऐसे बिजनेस की जरूरत है?