मेलबर्न: क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) मैच में इस्तेमाल होने वाली गेंदों पर कीटाणुनाशक के इस्तेमाल के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की स्वीकृति लेगा जिससे कि पता चल सके कि क्या कोविड-19 महामारी के बाद इससे खिलाड़ियों के स्वास्थ्य के प्रति जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के खेल विज्ञान और खेल दवा प्रबंधक एलेक्स कोनटूरिस ने कहा कि उन्होंने खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पर सुरक्षित वापसी के लिए नियम तैयार किए हैं. प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के हालांकि इस साल की दूसरी छमाही में ही खेले जाने की संभावना है.
आईसीसी की क्रिकेट समिति ने गेंद को चमकाने के लिए खिलाड़ियों के लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है और कोनटूरिस ने कहा कि जल्द ही परीक्षण शुरू किए जाएंगे, जिससे पता चल सके कि मैच के दौरान गेंद पर कीटाणुनाशक का इस्तेमाल स्वास्थ्य जोखिम को न्यूनतम करने का प्रभावी तरीका है या नहीं.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की आधिकारिक ट्वीटर हैंडल ने कोनटूरिस के हवाले से कहा, ''गेंद पर किटाणुनाशक के इस्तेमाल पर विचार हो रहा है.''
उन्होंने कहा, ''हमें आईसीसी से बात करनी होगी और स्वीकृति लेनी होगी, कई चीजों पर विचार किया जाना है. और ये प्रभावी होगी या नहीं. गेंद चमड़े की होती है और इसे किटाणुमुक्त करना मुश्किल होता है.''
कोनटूरिस ने कहा कि इंग्लैंड जैसे अन्य देशों के ऑस्ट्रेलिया से पहले खेलने की उम्मीद है और वे वहां उठाए गए कदमों का आकलन करके उन्हें ऑस्ट्रेलिया में लागू कर सकते हैं.
बता दें कि कोविड-19 महामारी के कारण पूरे विश्व में क्रिकेट रुकी हुई है और इसकी वापसी को लेकर कोई वक्त निश्चित भी नहीं है लेकिन वापसी के समय क्रिकेट में होने वाले बदलावों की चर्चा जोरों पर है जिसमें से गेंद पर सलाइवा और पसीने के इस्तेमाल को रोकना भी शामिल है.
इससे पहले कई खिलाड़ी इस विषय पर अपनी राय दे चुके हैं. भारत के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने इस बारे में कहा था, "हम जानते हैं कि क्रिकेट में कुछ बदलावों को लेकर चर्चा चल रही है, लेकिन मुझे लगता है कि क्रिकेटर नए नियमों के आदी हो जाएंगे, चाहे वो जो भी हों. अगर सलाइवा का उपयोग बंद होता है तो आप अपनी इच्छा के अनुसार गेंद चमका नहीं पाओगे, लेकिन इसका कोई विकल्प नहीं है आपको इसका आदी होना होगा."
वहीं, अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की क्रिकेट समिति ने गेंद को चमकाने के लिए उस पर लार के इस्तेमाल पर बैन लगाने की सिफारिश की है.
अनिल कुंबले ने कहा, "गेंद की शाइन को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल, खासतौर से लाल गेंद फॉर्मेट में होता है, जिससे गेंद को स्विंग कराने में मदद मिलती है लेकिन ऐसा करने से अब सेहत पर खतरा दिख रहा है."