नई दिल्ली:भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के बाद भारतीय टीम में उनकी जगह भरने के लिए जद्दोजहद हो रही है. ऐसे में सबसे ज्यादा ऋषभ पंत को ही उनकी जगह टीम में मौका दिया गया है. यहां तक कि ऋषभ पंत को धोनी के रहते हुए प्लेइंग इलेवन में भी शामिल किया गया था. वहीं दूसरी ओर संजू सैमसन जैसे विकेटकीपर बल्लेबाज को ज्यादा मौके नहीं मिल सके. हालांकि उनको एक-दो बार मौके मिले हैं लेकिन वो सफल नहीं हुए हैं.
इस विषय पर संजू के कोच ने अपनी राय रखी है. संजू सैमसन को बचपन से ही कोचिंग देते आ रहे बीजू जॉर्ज ने वो कारण भी बताया है कि युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को ज्यादा मौका भारतीय टीम में क्यों मिल रहे हैं?
बता दें कि संजू सैमसन ने साल 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 क्रिकेट में डेब्यू किया था. उस समय एमएस धोनी टीम का हिस्सा नहीं थे. सैमसन ने उस मैच में 24 गेंदों में 19 रन बनाए थे और भारतीय टीम वो मैच हार गई थी. संजू को उसी समय ड्रॉप कर दिया गया था. जिसके बाद 2019 में उनको टीम में शामिल किया गया, क्योंकि उन्होंने लगातार घरेलू क्रिकेट और आइपीएल में अच्छा खेला था.
संजू सैमसन का टी-20 करियर कोच बीजू जॉर्ज ने एक मीडिया हाउस से कहा, "यदि आप मुझसे एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पूछते हैं जो संजू का करीबी है, तो मैं कहूंगा कि उसे और मौके मिलने चाहिए, लेकिन अगर आप भारतीय टीम के नजरिए से देखें - तो वो ऋषभ पंत को इतने मौके क्यों दे रहे हैं?"
उन्होंने आगे कहा, "सबसे पहले पंत बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, जाहिर है. दूसरा, भारतीय टीम की रणनीति. उनके दिमाग में विश्व कप हो सकता है, जहां वो एक ऐसी टीम के खिलाफ आ सकते हैं, जिसे क्वालिटी लेफ्ट-आर्म स्पिनर या लेग स्पिनर, या लेफ्ट-आर्म फास्ट बॉलर मिल जाए और उस समय पंत उपयोगी होंगे. ये मेरा विचार है. ये निर्णय लेना तो टीम, कप्तान और कोच पर निर्भर करता है. मुख्य चयनकर्ता को ये तय करना चाहिए कि विरोधी टीम के खिलाफ सबसे उपयुक्त कौन है - पंत या संजू? मुझे नहीं लगता कि किसी के साथ ये जानबूझकर किया जा रहा है."