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खिलाड़ियों के बीच दुश्मनी को कम करने में आईपीएल की बड़ी भूमिका : सुनील गावस्कर

सुनील गावस्कर ने कहा, "यह एक गलत धारणा है कि आपको इतना कठोर होना चाहिए कि आप उस प्रतिद्वंद्वी की सराहना न करें जब उसका कोई बल्लेबाज अर्धशतक या शतक बनाता है. आप देखते हैं कि टीमों के खिलाड़ी उनकी पीठ के पीछे हाथ रखते हैं और तालियां भी नहीं बजाते हैं. मुझे ये कहते हुए खुशी हो रही है कि भारतीय टीम उनमें से नहीं है. एक अर्धशतक या एक शतक की सराहना करने में क्या जाता है?"

IPL has eliminated the act of enemity among the players sasy sunil gavaskar
IPL has eliminated the act of enemity among the players sasy sunil gavaskar

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Published : Dec 10, 2020, 9:03 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर को लगता है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने खिलाड़ियों के बीच दुश्मनी को कम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि ये खिलाड़ी विभिन्न देशों से आते हैं और एक साथ समय बिताते हुए आईपीएल टूर्नामेंट में खेलते हैं.

गावस्कर ने भारतीय स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के साथ बातचीत में कहा, "यह एक गलत धारणा है कि आपको इतना कठोर होना चाहिए कि आप उस प्रतिद्वंद्वी की सराहना न करें जब उसका कोई बल्लेबाज अर्धशतक या शतक बनाता है. आप देखते हैं कि टीमों के खिलाड़ी उनकी पीठ के पीछे हाथ रखते हैं और तालियां भी नहीं बजाते हैं. मुझे ये कहते हुए खुशी हो रही है कि भारतीय टीम उनमें से नहीं है. एक अर्धशतक या एक शतक की सराहना करने में क्या जाता है?"

सुनील गावस्कर

उन्होंने कहा, "उपलब्धि तो उपलब्धि है और आपको इसकी तारीफ करनी चाहिए. टीमों के बीच बिरादरी कम हो गई है. यह कहना चाहिए आईपीएल ने खिलाड़ियों के बीच दुश्मनी को कम करने में एक बड़ी भूमिका निभाई है."

गावस्कर ने कहा कि 2008 में आईपीएल की शुरुआत होने से पहले खिलाड़ियों के बीच 'अविश्वसनीय और हास्यास्पद दुश्मनी' हुआ करती थी.

उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि लोग पुराने दिनों को पसंद करते हैं. लेकिन हमारे समय में ऐसी स्थिति थी जहां दिन के अंत में ब्रेक के दौरान बल्लेबाजी करने वाली टीम हमेशा फील्डिंग करने वाली टीम के ड्रेसिंग रूम में ड्रिंक्स लेने के लिए जाती थी. क्रिकेट खेलते समय आप एक-दूसरे के गले लगते थे, लेकिन शाम को आपको दूसरी टीम के खिलाड़ियों के बारे में पता चलता था."

शो में बातचीत के दौरान पूर्व भारतीय कप्तान ने क्रिकेट की भावना और इसके मायने के बारे में भी बात की.

125 टेस्ट और 108 वनडे में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले गावस्कर ने कहा, "क्रिकेट की भावना, वह है जहां आप बिना बेईमानी किए ज्यादा से ज्यादा कड़ा मुकाबला खेलते हैं और इसका फायदा उठाते हैं. यह एक धारणा है जहां आप सिर्फ खेल का आनंद लेना चाहते हैं, आप जितना मुश्किल हो उतना खेल सकते हैं लेकिन निष्पक्षता का फायदा नहीं उठाते हैं जबकि आप जानते हैं कि गलत हो सकता है. अगर आपको पता है कि आपने गेंद को मारा है, तो आप दौड़ सकते हैं. आप जानते हैं कि आउट नहीं है तो आप अपील नहीं कर सकते."

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