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जोंस आज खेल रहे होते तो टी20 क्रिकेट में उनकी बहुत मांग होती: सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर ने कहा कि जब वह युवा थे तब उन्हें जोंस को बल्लेबाजी करते हुए देखना पसंद था. उनका मानना है कि जोंस की बेपरवाह बल्लेबाजी को देखते हुए वह टी20 क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते.

Sachin Tendulkar
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Published : Sep 25, 2020, 10:24 PM IST

नई दिल्ली: भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को इसमें कोई संदेह नहीं कि अगर डीन जोंस टी20 क्रिकेट के जमाने में खेल रहे होते तो बल्लेबाजों में उनकी सबसे अधिक मांग होती.

ऑस्ट्रेलिया के 59 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर का गुरुवार को मुंबई के एक होटल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह इंडियन प्रीमियर लीग की कमेंट्री के सिलसिले में भारत में थे.

तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के 1991-92 दौरे को भी याद किया और कहा जब वह युवा थे तब उन्हें जोंस को बल्लेबाजी करते हुए देखना पसंद था. उनका मानना है कि जोंस की बेपरवाह बल्लेबाजी को देखते हुए वह टी20 क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते.

डीन जोंस

तेंदुलकर ने कहा, "वह निश्चित तौर पर सबसे लोकप्रिय टी20 खिलाड़ी होते. इसमें कोई संदेह नहीं."

उन्होंने कहा, "अगर वह नीलामी में होते तो डीनो (जोंस ) की सबसे अधिक मांग होती. वह शानदार स्ट्रोक प्लेयर थे. विकेटों के बीच दौड़ में उनका कोई सानी नहीं था और बेहतरीन क्षेत्ररक्षक थे. उनमें वह सब चीजें थी जो टी20 में चाहिए होती हैं."

डीन जोंस

तेंदुलकर ने कहा, "वह वनडे के इतने अच्छे खिलाड़ी थे कि वह टी20 क्रिकेट में आसानी से सामंजस्य बिठा लेते. क्रिकेट के प्रारूप गतिशील हैं और लेकिन वह जरूरत के हिसाब से खुद को ढाल लेते और टी20 में शीर्ष खिलाड़ियों में से एक होते."

तेंदुलकर ने याद किया कि कैसे अस्सी के दशक में जोंस तेज गेंदबाजों पर हावी हो जाते थे जबकि आक्रामक बल्लेबाजी का जमाना नहीं था.

उन्होंने कहा, "उन्होंने अस्सी के दशक और नब्बे के दशक के शुरू में जो भी क्रिकेट खेली और वह अपने समय से आगे के खिलाड़ी थे. वह तेज गेंदबाजों पर हावी हो जाते थे और यह अस्सी के दशक की बात है."

डीन जोंस

बता दें कि जोंस ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 52 टेस्ट मैचों में 3631 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया के लिए उन्होंने 164 वनडे मैच खेले और 6,068 रन बनाए.

1994 में उन्होंने संन्यास ले लिया था और गोल्फ के खेल में दिलचस्पी दिखाई थी. वह इसके बाद न्यूजीलैंड, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में लीगों में टीमों के कोच रहे. उन्हें एक शानदार कॉमेनटेटर के रूप में भी याद किया जाता है.

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