नई दिल्ली: रैना ने टिवटर पर अप्रत्यक्ष तरीके से अफरीदी पर निशाना साधते हुए लिखा, "हे भगवान, एक इंसान प्रसांगिक बने रहने के लिए क्या-क्या करता है. वो भी उस देश का इंसान जो खैरात पर जी रहा है. इसिलए बेहतर होगा कि कश्मीर को अकेला छोड़ दो और अपने विफल देश के लिए कुछ करने पर ध्यान दो."
रैना ने लिखा, "मैं एक गौरवांवित कश्मीरी हूं और हमेशा रहूंगा और यह हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा. जय हिंद."
रैना से पहले शिखर धवन, युवराज सिंह, हरभजन सिंह और गौतम गंभीर अफरीदी के बयान की आलोचना कर चुके हैं.
अफरीदी ने पहले कहा था, "कश्मीर के लोगों की पीड़ा को समझने के लिए आपको धार्मिक आस्था की जरूरत नहीं है बल्कि सही जगह दिल की जरूरत है." इसके बाद उनकी आलोचना का दौर शुरू हो गया।
धवन ने ट्वीट करते हुए लिखा, "इस वक्त जब सारी दुनिया कोरोना से लड़ रही है उस वक्त भी तुमको कश्मीर की पड़ी है। कश्मीर हमारा था, हमारा है और हमारा ही रहेगा। चाहे 22 करोड़ ले आओ हमारा एक सवा लाख के बराबर है। बाकी गिनती अपने आप कर लेना."
हरभजन और युवराज ने अफरीदी से सभी तरह के संबंध तोड़ने की बात तक कह दी.
युवराज ने ट्वीट किया, "अफरीदी के हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए बयान से बेहद निराश हूं. एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते जो भारत के लिए खेला हो, मैं इस तरह के शब्द स्वीकार नहीं कर सकता। मैंने वो अपील आपके (अफरीदी के) कहने पर इंसानियत के नाते की थी, लेकिन अब दोबारा नहीं."
स्टार आफ स्पिनर ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो उन्होंने (अफरीदी) हमें अपनी चैरिटी की मदद के लिए कहा। ऐसे में, हमने इसे मानवता के लिए और कोरोनावायरस के कारण पीड़ित लोगों के लिए मदद किया था."
हरभजन ने आगे कहा, "ये एक बीमार आदमी है जो हमारे देश के बारे में ऐसा सोचता है. मुझे बस इतना कहना है कि शाहिद अफरीदी से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. अफरीदी को अपने देश पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए और अपनी सीमा में रहना चाहिए। मुझे केवल इतना ही कहना है कि हमारे देश के खिलाफ उसने जो भी बोला वो बर्दाश्त के बाहर है और मैं आज से उसके साथ सभी रिश्ते तोड़ता हूं."
उन्होंने कहा, "मैं इस देश में पैदा हुआ हूं और इसी देश में मरूंगा। मैं 20 साल से भी अधिक समय तक इस देश के लिए खेला हूं और इसके लिए मैच जीते हैं. किसी को भी मेरे देश के खिलाफ कुछ कहने का हक नहीं है."
गंभीर ने रविवार को ट्विटर पर कहा, "पाकिस्तान के पास सात लाख की फोर्स है जिसका समर्थन 20 करोड़ लोग करते हैं, यह कहना है '16 साल के' अफरीदी का फिर भी कश्मीर के लिए 70 सालों से भीख मांग रहे हैं. अफरीदी, इमरान और बाजवा जैसे जोकर भारत और प्रधानमंत्री के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं, लेकिन पाकिस्तान के लोगों के लिए कयामत के दिन तक कश्मीर नहीं ले सकते. बांग्लादेश याद है."