लंदन : 30 मई से इंग्लैंड एंड वेल्स में विश्व कप 2019 शुरू होने वाला है. इस बार टूर्नामेंट में 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं. आपको बता दें कि इतिहास के पन्ने पलट कर देखें तो विश्व कप 1975 से खेला जा रहा है. इसमें सबसे ज्यादा बार ऑस्ट्रेलिया ने ट्रॉफी जीती है. ऑस्ट्रेलिया ने पांच बार (1987, 1999, 2003, 2007 और 2015), भारत ने दो बार (1983 और 2011), वेस्ट इंडीज ने (1975 और 1979), पाकिस्तान ने एक बार (1992) और श्रीलंका ने भी एक बार (1996) विश्व चैंपियन बनने का स्वाद चखा है. विश्व कप का फाइनल जीतने के बाद 1992 के बाद से हर साल मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब दिया जाता है. आइए आपको बताते हैं कि 1992 से 2015 तक किन-किन खिलाड़ियों को मैन ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार दिया जा चुका है.
1992 क्रिकेट विश्व कप - 1992 में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को 22 रनों से हरा कर पहली बार विश्व कप जीता था. इस मैच में मैन ऑफ द मैच वसीन अकरम बने थे. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ उस मैच में 19 गेंदों पर 33 रन बनाए थे और 49 रन देकर तीन विकेट भी झटके थे.
1992 क्रिकेट विश्व कप में न्यू़जीलैंड के कप्तान मार्टिन क्रो मैन ऑफ द टूर्नामेंट खिताब से नवाजा गया था वहीं, मैन ऑफ द टूर्नामेंट न्यू़जीलैंड के कप्तान मार्टिन क्रो बने थे. उन्होंने उस टूर्नामेंट में कमाल की बल्लेबाजी करते हुए एक शतक और तीन अर्धशतक जड़ा था. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 100 रनों की नाबाद पारी खेली थी, जिंबाब्वे के खिालफ उन्होंने 74 रनों की नाबाद पारी खेली. विंडीज के खिलाफ 81 रनों की नाबाद अर्धशतकीय पारी खेली. उनकी बेहतरीन पारियों की बदौलत न्यूजीलैंड सेमी फाइनल तक पहुंच गया था.
1996 क्रिकेट विश्व कप - 1996 में श्रीलंका ने पहली बार विश्व चैंपियन बना था. उन्होंने फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराया था. उस मैच में अरविंद डी सिल्वा मैन ऑफ द मैच बने थे. उन्होंने 107 रनों की मैच विनिंग नाबाद शतीकय पारी खेली थी और 42 रन देकर तीन कंगारू खिलाड़ियों का शिकार किया था.
वहीं, मैन ऑफ द टूर्नामेंट श्रीलंका के सनथ जयसूर्या बने थे. उन्होंने टूर्नामेंट में अपनी टीम के लिए बेहतरीन हरफनमौला प्रदर्शन दिया था. उन्होंने 221 रन बनाए जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 132 था और सात अहम विकेट भी लिए थे. उन्होंने टूर्नामेंट के छह मैच खेले थे जो सभी श्रीलंका ने जीते थे. उन्होंने भारत के खिलाफ 76 गेंदों पर 79 रन बनाए थे. केन्या के खिलाफ 44 रन और इंग्लैंड के खिलाफ 82 रन बनाए थे. सेमी फाइनस में उन्होंने भारत के खिलाफ गेंद से बेहतरीन प्रदर्शन दिया. उन्होंने सचिन तेंदुलकर, संजय मांजरेकर और अजय जडेजा का विकेट निकाला था.
1999 क्रिकेट विश्व कप - 1999 विश्व कप की मेजबानी इंग्लैंड के साथ साथ वेल्स, स्कोटलैंड, आयरलैंड और निदरलैंड में खेला गया था. टूर्नामेंट के फाइनल मैच में पाकिस्तान को हराकर ऑस्ट्रेलिया दूसरी बार विश्व चैंपियन बना था. उस मैच में मैन ऑफ द मैच शेन वॉर्न बने थे. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ मैच में 33 रन देकर चार विकेट निकाले थे.
1999 में लांस क्लूसनर को मैन ऑफ द टूर्नामेंट खिताब से नवाजा गया वहीं, मैन ऑफ द टूर्नामेंट की बात करें तो साउथ अफ्रीका के लांस क्लूसनर को पुरस्कार मिला था. उन्होंने अपने हरफनमौला प्रदर्शन से फैंस का दिल जीता था. उन्होंने 122 के स्ट्राइक रेट के साथ 281 रन बनाए थे और उन्होंने टूर्नामेंट में 17 विकेट लिए थे. भारत के खिलाफ उन्होंने टूर्नामेंट का पहला मैच खेला था. उन्होंने 66 रन देकर तीन विकेट लिए थे और 12 रनों की नाबाद पारी खेली थी.
2003 क्रिकेट विश्व कप - भारत और ऑस्ट्रेलिया ने विश्व कप 2003 का फाइनल मैच खेला था जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पॉन्टिंग मैन ऑफ द मैच बने थे. उन्होंने 140 रनों की नाबाद पारी खेली थी.
2003 विश्व कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे भारत के सचिन तेंदुलकर वहीं, मैन ऑफ द टूर्नामेंट था खिताब भारत के सचिन तेंदुलकर के नाम हुआ था. उन्होंने उस टूर्नामेंट में 673 रन बनाए थे. भारत ने उस टूर्नामेंट में केवल दो मैच हारे थे, दोनों मैच वे ऑस्ट्रेलिया से ही हारे थे. सचिन तेंदुलकर ने उस टूर्नामेंट में रिकॉर्ड तोड़ पारी खेली थी. उन्होंने 11 पारियों में 673 रन जड़े थे. 11 पारियों में उन्होंने केवल एक शतक जड़ा था और सात बार 50+ रन बनाए. पाकिस्तान के खिलाफ 98 और श्रीलंका के खिलाफ 97 रन बनाए थे. सेमी फाइनल में उन्होंने केन्या के खिलाफ 83 रन बनाए थे. फाइनल मैच में सचिन फेल हुए थे, वे केवल 4 रन बना कर पेवेलियन लौट गए थे.
2007 क्रिकेट वर्ल्ड कप- साल 2007 में विंडीज में खेले गए वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच खेला गया था. इसमें ऑस्ट्रेलिया ने 53 रनों से जीत दर्ज की थी. इस मैच में प्लेयर ऑफ द मैच एडम गिलक्रिस्ट बने थे. उन्होंने ओपनिंग करते हुए 149 रन बनाए थे. वहीं, मैन ऑफ द टूर्नामेंट ग्लेन मैक्ग्रा बने थे. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा ने टूर्नामेंट में 26 विकेट लिए थे.
2007 विश्व कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट ग्लेन मैक्ग्रा रहे 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप - भारत में खेले गए 2011 विश्व कप में मेजबान ने ही ट्रॉफी पर कब्जा किया था. फाइनल मैच में भारत ने श्रीलंका को छह विकेट से हराया था. इस मैच के मैन ऑफ द मैच भारतीय टीम के कप्तान एमएस धोनी रहे थे जिन्होंने शानदार तरीके से मैच फिनिश किया था. उन्होंने 79 गेंदों पर 91 रनों की नाबाद पारी खेली थी.
2011 विश्व कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे युवराज सिंह वहीं, युवराज सिंह मैन ऑफ द टूर्नामेंट बने थे. उनका हरफनमौला प्रदर्शन शानदार था. उन्होंने उस टूर्नामेंट में 362 रन बनाए थे और 15 विकेट भी लिए थे. उन्होंने इंग्लैंड और नीदरलैंड्स के खिलाफ अर्धशतक भी जड़ा था. आयरलैंड के खिलाफ उन्होंने अर्धशतक जड़ा उसके साथ उन्होंने पांच विकेट भी लिए. विंडीज के खिलाफ उन्होंने शतक बनाया और दो विकेट लिए थे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी उन्होंने फिफ्टी बनाई और दो विकेट लिए थे. वहीं फाइनल मैच में उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया, उन्होंने 2 अहम विकेट लिए और माही के साथ शानदार साझेदारी की.
2015 में मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब मिशेल स्टार्क को मिला 2015 क्रिकेट विश्व कप- न्यूजीलैंड को हराकर ऑस्ट्रेलिया ने पांचवीं बार विश्व कप अपने नाम किया था. 2015 के विश्व कप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने सात विकेट से जीत हासिल की थी. इस मैच के प्लेयर ऑफ द मैच जेम्स फॉक्नर बने थे. वहीं, मैन ऑफ द टूर्नामेंट मिशेल स्टार्क बने थे. उन्होंने तब 22 विकेट चटकाए थे. ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज अपने यॉर्कर्स और विकेट चटकाने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले मैच में दो विकेट लिए थे. न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने छह विकेट लिए.