कोलकाता : बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि पांड्या को लेकर कोई विशेष फिटनेस टेस्ट नहीं था और उन्होंने बस अपनी पीठ को परखने के लिए कड़ा गेंदबाजी अभ्यास किया था. दो घंटे के कड़े अभ्यास के बाद वह संतुष्ट नहीं हुए और तब फैसला किया गया कि वो वापसी करने के पहले अपनी पीठ पर काम करना जारी रखेंगे.
कुछ खिलाड़ियों का वर्कलोड के आधार पर किया जाता है टेस्ट
उन्होंने कहा, "आपको सही बात बताऊं तो वो कड़े गेंदबाजी अभ्यास के बाद अपने आप से संतुष्ट नहीं थे. कुछ खिलाड़ी होते हैं जिनका टेस्ट वर्कलोड के आधार पर किया जाता है. उदाहरण के तौर पर, कोई खिलाड़ी जो पीठ की चोट के बाद वापसी कर रहा है तो उसका टेस्ट कड़े गेंदबाजी अभ्यास सत्र में उसके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है."
अपनी पीठ पर और काम करना चाहते हैं पांड्या
सूत्र ने कहा, "खिलाड़ी का टेस्ट तब किया जाता है जब वो नेट्स पर दो-तीन घंटे बिताता है. इस दौरान उसकी गेंदबाजी देखी जाती है. उसकी लय, तेजी, सटीकता और गेंदबाज अपने प्लान पर किस तरह से काम कर रहा है, ये सब टेस्ट में देखा जाता है. इसलिए अगर शरीर वे सारी चीजें नहीं करता जो खिलाड़ी के दिमाग में हैं तो मतलब है कि वो वर्कलोड के मुताबिक प्रतिक्रिया नहीं दे रहा. पांड्या का मानना था कि वो अपनी पीठ पर और काम करना चाहते हैं."