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सबा करीम का पद खतरे में, BCCI ले सकती है बड़ा फैसला

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Published : Jun 26, 2020, 4:33 PM IST

एक सूत्र ने मीडिया को बताया कि आर्थिक स्थिति को देखते हुए सबा करीम का पद खतरे में है. सूत्र ने आगे कहा कि कई राज्य संघों ने भी सबा के खराब व्यवहर का मुद्दा उठाया है.

Saba Karim
Saba Karim

नई दिल्ली:दुनिया के बाकी खेल संस्थानों की तरह ही बीसीसीआई भी इस कोरोनावायरस महामारी के कारण आर्थिक संकट से जूझ रही है. ऐसे में क्रिकेट संचालन के महानिदेशक पद पर काबिज पूर्व विकेटकीपर सबा करीम का पद खतरे में हैं क्योंकि बोर्ड में ऐसा विचार है कि वह ज्यादा योगदान नहीं दे रहे हैं.

इस मामले से संबंध रखने वाले एक सूत्र ने मीडिया से कहा कि करीम का पद खतरे में है क्योंकि ऐसे कई अनसुलझे मुद्दे हैं जो उनके कार्यक्षेत्र में आते हैं. इसलिए आर्थिक स्थिति को देखते हुए मुश्किल फैसले लिए जा सकते हैं.

सबा करीम

अधिकारी ने कहा, "यह काफी मुश्किल समय है और हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि इस समय आपको अलग हटकर सोचना होगा. हमें यह सुनिश्चित करना है कि हम इस महामारी में खेल को कम से कम क्षति के साथ निकालें. हम अधिकारियों के साथ कई तरह की चर्चा कर रहे हैं और अधिकारी भी अपने स्तर पर चर्चा कर रहे हैं. हमने जिन मुद्दों पर चर्चा की और जो ध्यान देने लायक थे, उसके मुताबिक उनका योगदान अच्छा नहीं रहा है."

उन्होंने कहा, "सिर्फ यही मुद्दा नहीं है. जब घरेलू कैलेंडर की बात आती है तो हमारे पास अभी तक कुछ ठोस नहीं है और हो सकता है कि हम देखें की हमारी टीम बर्बाद हुए समय की भरपाई करने के लिए कुछ अतिरिक्त समय दे. साथ ही उनकी टीम ने अतीत में जो मुद्दे उठाए थे, केवीपी राव ने अप्रेजल से मना कर दिया था, इन सभी बातों ने ज्यादा आत्मविश्वास नहीं जगाया. कई राज्य संघों ने भी उनके खराब व्यवहर का मुद्दा उठाया है."

सबा करीम

अधिकारी ने कहा, "जहां तक राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी की बात है तो अब यह राहुल द्रविड़ और केवीपी पर है, इन लोगों को वो जिम्मेदारियां दी गई हैं जो पहले सबा करीम के पास थीं. अंपायर अकादमी, जिसकी जिम्मेदारी सबा पर थी, वो खत्म हुए बराबर है. ऐसे में जब लोग दोगुना काम कर रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा जिम्मेदारियां ले रहे हैं, जो ऐसा नहीं कर रहे हैं उन्हें कुछ तो झेलना होगा क्योंकि लाश को कोई ढोना नहीं चाहता. अंतत: यह इस बात पर निर्भर है कि आप संगठन के लिए क्या करते हो न कि यह कि आपने संगठन से क्या लिया."

उन्होंने कहा, "जहां तक पेशेवर रवैये की बात है तो मौजूदा अधिकारी इसे लेकर एक दम साफ हैं और जब भारतीय टीम के पूर्व कप्तान पर जिम्मेदारी हो तो आप जाहिर तौर पर इसकी उम्मीद करते हैं. जैसा कि आप पूरे विश्व में देख रहे होंगे कि चीजें काफी मुश्किल होती जा रही हैं. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ईसीबी ने कड़े फैसले लिए हैं. एक पेशेवर संस्था होने के नाते, हम पर अच्छा करने का दबाव है. हम चाहते हैं कि लोग हमारे काम के बारे में बात करें न कि वेतन के बारे में."

बीसीसीआई

मुद्दे पर आगे बोलते हुए अधिकारी ने कहा कि करीम के अंडर में आने वाली महिला टीम ने कई बार बोर्ड के सामने अपने मुद्दे रखे हैं.

उन्होंने कहा, "महिला टीम, सपोर्ट स्टाफ और महिला चयन समिति के निवर्तमान सदस्य ने कई बार उनके बुरे व्यवहार और दखल की शिकायत की है. हम समझते हैं कि वह पूर्व चयनकर्ता रह चुके हैं लेकिन उन्हें समझना होगा कि वह इस समय चयनकर्ता नहीं है और चयन संबंधी मुद्दों में दखलअंदाजी नहीं कर सकते."

उन्होंने कहा, "यहां तक कि, एक शिकायत में (सीओए सदस्य द्वारा की गई) जो उनके खिलाफ थी, कहा गया था कि वह महिला टीम के संबंध में बीसीसीआई के संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. उनके खिलाफ उनकी नियुक्ति को लेकर भी एक शिकायत थी जिसमें कर्मचारी ने कहा था कि वह पद के लिए उपयुक्त नहीं थे क्योंकि क्रिकेट संचालन के महानिदेशक पद के लिए स्नातक की डिग्री होना चाहिए जो कथित तौर पर उनके पास नहीं है."

सबा करीम

उन्होंने कहा, "एनसीए स्टाफ की जो भर्ती उनके मार्गदर्शन में की गई थी उसे लेकर भी कई गंभीर सवाल हैं. और कुछ लोगों का मानना है कि कुछ लोगों को लाने के लिए नियमों के साथ छेड़छाड़ की गई."

वहीं अधिकारी ने कहा कि सीईओ राहुल जौहरी बेहतर करने में सफल रहे हैं और ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो सीईओ राहुल जौहरी ने सबा को लेकर अपने काम में अच्छा संतुलन बनाया है और वह बिना किसी पक्षपात के, बीसीसीआई के भले के लिए मुद्दों को रख रहे हैं."

बीसीसीआई ने अपनी तरफ से मीडिया से कहा कि खिलाड़ियों को कोविड-19 के वित्तीय प्रभाव से दूर रखा जाएगा.

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