हैदराबाद: मलेशिया के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी ली चोंग वेई ने दो बार के ओलंपिक चैंपियन चीन के लिन डैन को 21वीं सदी का महान खिलाड़ी करार दिया है.
डैन ने शनिवार को खेल से संन्यास ले लिया और इसी के साथ उनके 20 साल के शानदार करियर का अंत हो गया.
कैंसर की बीमारी के बाद पिछले साल जून में बैडमिंटन से संन्यास लेने वाले ली और लिन बैडमिंटन इतिहास के दिग्गज खिलाड़ी माने जाते हैं. दोनों खिलाड़ी 40 बार कोर्ट पर एक दूसरे के खिलाफ उतर चुके हैं, जिसमें लिन ने 28 मुकाबले जीते हैं.
ली ने ट्विटर पर अपने प्रतिद्वंद्वी की तारीफ करते हुए कहा, "हम जानते थे कि ये दिन आएगा. हमारी जिंदगी का सबसे भावुक क्षण. आप राजा थे और आप बड़े गर्व से लड़े."
लिन ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, "मैंने खेल को सबकुछ समर्पित किया, जिसे मैं प्यार करता हूं. मेरे परिवार, कोच, टीम साथी और फैन्स हमेशा अच्छे और बुरे समय में मेरे साथ रहे. अब मैं 37 साल का हूं और मेरी शारीरिक फिटनेस अब मुझे अपने टीम साथियों के साथ लड़ने की इजाजत नहीं देता."
लिन ने 2008 और 2012 ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और उनकी नजरें टोक्यो में अपने तीसरे ओलंपिक स्वर्ण पदक पर थी, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका.
वह 2006 से लेकर 2014 तक आठ वर्षों के दौरान लगभग सभी टूर्नामेंटों के फाइनल में पहुंचे थे, जिसमें उन्होंने भाग लिया था। इनमें पांच बार विश्व चैंपियन, दो बार ओलंपिक स्वर्ण और दो एशियाई खेलों के स्वर्ण शामिल है.
लिन ने 2011 में सभी नौ खिताब जीते थे और वह ऐसा करने वाले पहले बैडमिंटन खिलाड़ी बने थे। वह छह बार के आल इंग्लैंड चैंपियन भी रहे. 2012 लंदन ओलंपिक में अपने ओलंपिक खिताब का बचाव करने के बाद लिन की आत्मकथा 'अंटिल द एंड आफ द वल्र्ड' प्रकाशित हुई थी.