मुंबई: टीवी अभिनेता करण ओबेरॉय के खिलाफ दुष्कर्म और ब्लैकमेल के आरोपों के बीच उनके अच्छे दोस्तों में से एक पूजा बेदी और करण के संगीत बैंड 'बैंड ऑफ बॉयज' के सदस्यों ने मंगलवार को आग्रह किया कि महिलाओं को दुष्कर्म पीड़िता की आवाज की रक्षा करने वाले कानून का इस्तेमाल जिम्मेदाराना तरीके से करना चाहिए.
पूजा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कानून में मौजूद असमानता के बारे में सवाल किए जाने पर कहा, 'हमारे देश के इतिहास को ध्यान में रखते हुए और पितृसत्तात्मक समाज, जिसमें हम रह रहे हैं, एक ऐसी परिस्थिति मौजूद है, जहां दुष्कर्म पीड़िता पुलिस थाने जाती है और उसकी शिकायत नहीं दर्ज की जाती है, जो गलत है. तो, हमें दुष्कर्म और इस तरह की हिंसा के खिलाफ कानून की जरूरत है, लेकिन साथ ही अगर कुछ महिलाएं कानून का दुरुपयोग करती हैं और इसका सम्मान नहीं करती हैं, जो कि इसके बेजा इस्तेमाल के बजाय उनकी रक्षा के लिए बना है, तो हमें इस बारे में सोचने की जरूरत है कि पुरुषों के अधिकारों की रक्षा भी कैसे की जाए.'
पूजा बेदी अपने सबसे अच्छे दोस्त करण ओबेरॉय के समर्थन में आईं. उन्होंने आगे कहा, 'यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी आदमी को इस तरह से नुकसान पहुंचाया जा रहा है. उसकी प्रतिष्ठा का नुकसान, फैमिली ट्रॉमा मेरे लिए अस्वीकार्य है. ऐसे कई मामले हैं जहां महिलाएं कानून का उपयोग नहीं कर रही हैं, बल्कि वे दुरुपयोग कर रही हैं.'
पूजा बेदी ने कानून का उपयोग जिम्मेदारी से करने का आग्रह किया करण ओबेरॉय के खिलाफ रविवार को ओशिवरा पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (दुष्कर्म) और 384 (पैसे ऐंठना) के तहत मामला दर्ज किया है.उनके वकील ने कहा कि करण को मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें नौ मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, करण ने शादी करने का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया, आपत्तिजनक वीडियो बनाए और वीडियो को सार्वजनिक करने की धमकी देकर उससे पैसे ऐंठने की कोशिश की.संवाददाता सम्मेलन में मौजूद करण के वकील दिनेश तिवारी ने आईएएनएस को बताया, 'हालांकि यह पहले कुछ दिनों के लिए थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन इस तथ्य को देखते हुए कि हमारे पास यह साबित करने के लिए सभी सबूत हैं कि मेरा मुवक्किल निर्दोष है, हमें जमानत मिलनी चाहिए.'तिवारी के अनुसार, क्योंकि आरोप मजबूत हैं, इसलिए उन मामलों में, पुलिस को व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए गिरफ्तारी वारंट की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, यह उस प्रणाली में खामी है जहां पुलिस एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले दोनों पक्षों से दी गई सभी सूचनाओं का विश्लेषण नहीं करती है और सलाखों के पीछे डाल देती है.उन्होंने आगे कहा, 'एक बयान में, लड़की ने कहा कि उसका यौन उत्पीड़न किया गया था और फिर उसने उल्लेख किया कि वह मेरे मुवक्किल (करण) से शादी करने के लिए तैयार थी. आप किसी ऐसे व्यक्ति से शादी करने के लिए कैसे तैयार हो सकते हैं जिसे आप बाद में बलात्कारी कहते हैं?'
करण ओबेरॉय के वकील दिनेश तिवारी ने उन स्थितियों पर जोर दिया जो आरोप को झूठा साबित करता है पीड़िता द्वारा करण को भेजे गए संदेशों में से एक को पूजा ने पढ़ा. जिसमें लिखा था कि 'करण, क्या हम सेक्स कर सकते हैं, भविष्य के बारे में सोचे बिना, इमोशंस और अभी के लिए सब कुछ भूलकर, जैसा कि मेरे शरीर को चाहिए. और मैं किसी और के साथ लिप्त होने के लिए सहज महसूस नहीं करती हूं, इसलिए मुझे बताएं कि आप इसके बारे में क्या सोचते हैं.'तब पूजा ने सवाल किया, 'क्या यह स्पष्ट नहीं है कि रिश्ता एकतरफा था और करण को इस तरह के संदेशों के साथ कई बार संपर्क किया गया था?'वकील के अनुसार, उन्होंने करण की निर्दोषता साबित करने के लिए सबूत के तौर पर महिला (पीड़ित) द्वारा करण को भेजे गए टेक्स मैसेज की एक श्रृंखला प्रस्तुत की है.