मुंबईः सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद इंडस्ट्री में होने वाले नेपोटिज्म और स्टार पावर प्ले विवाद में अपनी राय रखने वालों में अब 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' अभिनेता मनोज बाजपेयी का नाम भी शामिल हो गया है.
अभिनेता ने अपने हालिया इंटरव्यू में कहा कि इंडस्ट्री साधारण गुणों वाले व्यक्ति को सेलिब्रेट करती है और जो लोग सच में टैलेंटेड हैं उन्हें अनदेखा करती है.
मनोज ने कहा, 'मुझे इस बात से शुरू करने दीजिए, दुनिया सही नहीं है. मैं यह बात 20 साल से कह रहा हूं क्योंकि इंडस्ट्री ऐसी ही है. इंडस्ट्री के बारे में भूल जाएं, एक राष्ट्र के तौर पर भी हम ऐसी चीजें ही सेलिब्रेट करते हैं. कुछ न कुछ कहीं न कहीं छूट रहा है-- हमारी सोच में, हमारे वैल्यू सिस्टम में. जब हम टैलेंट देखते हैं, हम तुरंत उसे अनदेखा करके भगा देना चाहते हैं. यह हमारा वैल्यू सिस्टम है जो दुखद है.'
बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर मनोज बाजपेयी बता दें कि सुशांत और मनोज ने एक साथ डकैत आधारित फिल्म 'सोनचिड़िया' में काम किया था. बाजपेयी ने आगे कहा कि इंडस्ट्री को खुद ही समय समय पर खुद को चेक करते रहना पड़ेगा वर्ना दर्शक के आलोचना झेलनी पड़ेगी.
उन्होंने कहा, 'मैंने पहले भी कहा है कि इंडस्ट्री ने टैलेंट बर्बाद किया है, इतना कि जिन टैलेंट्स को यहां उनका हक नहीं दिया गया, दूसरे देशों में वे दुनिया के बेस्ट एक्टर्स होते. लेकिन हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. पहले, अगर आपके पास टैलेंट नहीं है तो आप बहुत लकी होने चाहिए. मैं इसी सिस्टम के बारे में बात कर रहा हूं. यह इंडस्ट्री की खराब आदत है. मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहा हूं. मैं इस इंडस्ट्री का हिस्सा हूं. इसलिए मैंने अपने पुराने इंटरव्यू में कहा है कि हमें खुद के अंदर झांककर उसे साफ करना होगा. ठीक करो, वर्ना लगातार आम लोगों का गुस्सा, श्राप झेलना पड़ेगा और आखिर में उनके बीच हम सम्मान खो देंगे.'
बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर मनोज बाजपेयी अभिनेता ने इंडस्ट्री में अपने वक्त को ठीक उसी तरह बताया जैसा कि आमतौर पर किसी 'सौतेली मां के साथ रहना' होता है.
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मनोज से पहले रवीना टंडन, 'स्टाइल' अभिनेता साहिल खान और कंगना रनौत आदि समेत कई सितारों ने सामने आकर इंडस्ट्री के चलन पर सवाल उठाए और अपने कड़वे अनुभव साझा किए हैं.