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क्या आशा भोसले पुराने गानों के रिक्रिएशन से खुश नहीं हैं? - salford university honours asha bhosle

गायिका आशा भोसले को ग्रेटर मैनचेस्टर, इंग्लैंड में यूनिवर्सिटी ऑफ सैलफोर्ड द्वारा डॉक्टरेट डिग्री से सम्मानित किया गया. इस दौरान उनसे सवाल पूछा गया कि क्या आपको पुराने गानों के रिक्रिएशन पसंद आते हैं? इस पर उन्होंने कहा मैं इस पर कोई बात नहीं करना चाहती हुं.

Courtesy: Gulbano

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Published : Oct 8, 2019, 11:46 PM IST

नई दिल्ली:सर्वश्रेष्ठ गायिका आशा भोसले ने अपने नाम एक और अवार्ड किया. उन्हें सोमवार को ग्रेटर मैनचेस्टर, इंग्लैंड में यूनिवर्सिटी ऑफ सैलफोर्ड द्वारा डॉक्टरेट डिग्री से सम्मानित किया गया. 'ज़रा सा झूम लूं मैं' सिंगर ने इस खबर को अपने सोशल मीडिया अकांउट पर शेयर किया है. तस्वीर में वह डिग्री प्राप्त करती हुई नजर आ रही हैं. तस्वीर के साथ कैप्शन में उन्होंने लिखा, 'सैलफोर्ड विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट प्राप्त करना.'

क्या आशा भोसले पुराने गानों के रिक्रिएशन से खुश नहीं हैं?

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इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि आज के गानों और पुराने गानों में क्या अंतर है? तो उन्होंने बोला कि आज के गाने और पुराने गानों में बहुत ही अंतर है. आज के दौर में हमारे पास सुविधाएं बहुत हैं, जो कि उस समय नहीं हुआ करती थी. आज सब-कुछ बहुत आसान हो गया है पहले की अपेक्षा. उनसे दूसरा सवाल पूछा गया कि क्या आपको पुराने गानों के रिक्रिएशन पसंद आते हैं? इस पर उन्होंने कहा मैं इस पर कोई बात नहीं करना चाहती हुं.

'आशा ताई' के नाम से मशहूर इस गायिका ने 2011 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में संगीत इतिहास में सबसे ज्यादा रिकॉर्डेड कलाकार सहित कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार जीती हैं. गायिका ने कई अन्य लोगों के बीच ' परदे में रहेने दो', 'पिया तू अब तो आजा', 'दम मारो दम' जैसी स्मैश हिट के लिए प्लेबैक प्रदान किया है. भोसले को 2000 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.

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