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एक्टर करण ओबेरॉय को मिली जमानत, रेप के आरोप में थे जेल में बंद

महिला ज्योतिषी के रेप के आरोप में मुंबई की जेल में बंद अभिनेता करण ओबेरॉय को आखिरकार शुक्रवार को जमानत मिल गई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

Karan Oberoi

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Published : Jun 7, 2019, 4:45 PM IST

मुंबई: महिला ज्योतिषी के साथ रेप के आरोपी टीवी एक्टर करण ओबेरॉय लगभग एक महीने से पुलिस रिमांड पर जेल की सलाखों के पीछे हैं. पिछले दिनों करण के परिवार ने गोरेगांव डिंडोशी कोर्ट में ज़मानत के लिए अर्ज़ी दी थी, लेकिन जज ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद जमानत की अर्ज़ी ख़ारिज कर दी थी, जिसके बाद परिवार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बेल के लिए अर्ज़ी दी. अब खबर आ रही है कि करण ओबेरॉय को कोर्ट से जमानत मिल गई है.

दरअसल, क़रीब एक महीने पहले टीवी एक्टर करण ओबेरॉय के खिलाफ एक महिला ज्योतिषी ने रेप का आरोप लगाया था. मुम्बई के ओशिवारा पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई थी. महिला का आरोप था कि करण ने उसे घर बुलाकर नारियल पानी में नशीला पदार्थ दिया और उसके बाद उसके साथ ज़बरदस्ती की, लेकिन जब इस घटना के बाद महिला ने इसका विरोध किया, तो टीवी एक्टर ने शादी करने का वादा कर मामले को शांत कर दिया.

इतना ही नहीं महिला का यह भी आरोप है कि करण ने उसके साथ जबरदस्ती करते वक़्त उसका अश्लील वीडियो बना लिया था और इस वह इस वीडियो के आधार पर उससे पैसे वसूलता था. उसकी मांगे पूरी ना करने की सूरत में वीडियो को वायरल करने की धमकी देता था.

शुरुआत में महिला करण की सब मांगे पूरी करती रही, लेकिन जब उसे लगा कि करण उसे शादी के नाम पर धोखा दे रहा है, तो महिला ने इस बारे में बातचीत करने की कोशिश की और पैसे देने से इनकार कर दिया. महिला का आरोप है कि पैसों के लिए इनकार सुनते ही करण ने पब्लिक प्लेस पर मुझे थप्पड़ मारा और सभी रिश्ते तोड़ लिए...

इसके बाद महिला ने इस धोखाधड़ी का न्याय मांगने के लिए क़ानून का सहारा लेते हुए मुम्बई के ओशिवारा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई, लिहाज़ा पुलिस ने इंवेस्टिगेशन शुरू की और करण को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया.

इस बीच करण के परिवार और फ़िल्म इंडस्ट्री के दोस्तों ने #MenToo अभियान शुरू किया और आरोप लगाया कि महिला ने क़ानून का ग़लत तरीक़े से इस्तेमाल करते हुए टीवी एक्ट्रेस को झूठे केस में फंसा कर जेल भेजा है. इस #MenToo अभियान में पूजा बेदी समेत कई सितारे शामिल हुए और करण को बचाने आगे आए.

हालांकि, इस मुहिम का इस केस पर कुछ असर नज़र नहीं आया. तब करण के परिवार ने डिंडोशी सेशन कोर्ट में ज़मानत की अर्ज़ी दी, लेकिन जज ने दोनों पक्षों के वक़ील की दलीलें सुनने के बाद और महिला द्वारा पेश किए गए मैसेज चैट, सबूतों को देखने और सुनने के बाद करण की ज़मानत की अर्ज़ी 17 मई को ख़ारिज कर दी थी.

अब यह मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में था, लेकिन इस बीच केस में एक नया ट्विस्ट 25 मई को आया, जब महिला ने ओशिवारा पुलिस स्टेशन में 25 मई को एक और एफआईआर दर्ज कराई और एफआईआर में लिखा गया कि पीड़ित महिला जब सुबह लोखंडवाला में मोर्निंग वॉक के लिए गई, तो उस पर 2 मोटरसाइकिल सवारों ने हमला करने की कोशिश की और उसके चेहरे पर तेज़ाब फेंकने की धमकी देते हुए केस वापस लेने की बात कही.

पीड़िता ने अपनी एफआईआर में कहा की उसे केस वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा है पर हमले हो रहे हैं और उसकी जान ख़तरे में है. पीड़ित की शिकायत के बाद ओशिवारा पुलिस ने इस मामले की तफ़तीश शुरू की और इस केस में हमले के आरोपी चार युवकों को गिरफ़्तार किया है. पुलिस का दावा है कि पकड़े गए चारों आरोपियों में एक युवक पीड़ित महिला के वक़ील का रिश्तेदार है, ऐसे में पीड़ित महिला और पीड़ित का वक़ील भी शक के घेरे में है. हमला किसने कराया और क्यों हुआ, इस मामले को लेकर पुलिस की तरफ़ से अभी कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं आया है.

हालांकि, अभी बॉम्बे हाईकोर्ट के फ़ैसले के बावजूद भी करण ओबेरॉय को क़रीब 24 घंटे से ज़्यादा समय सलाखों के पीछे और रहना होगा. क्योंकि कोर्ट का जजमेंट के पेपर पुलिस स्टेशन और जेल में देने के साथ साथ करण की लीगल टीम को क़ानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी.

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