नई दिल्ली : उच्च गति वाली टेलीकॉम सेवाओं के लिए यह काफी महत्वपूर्ण समय रहा. उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि अब भारत की टेलीकॉम स्टोरी को पुनर्जीवित करने और भविष्य की प्रौद्योगिकियों को तेजी से पेश करने के प्रति मानसिकता में बदलाव आया है.
इस महीने की शुरुआत में प्रौद्योगिकी मामलों के टेलीकॉम विभाग (डीओटी) के सदस्य के. रामचंद ने कहा था कि वह जल्द ही नीलामी के लिए 5जी स्पेक्ट्रम बैंड की घोषणा करेंगे. यह एक स्पष्ट संकेत है कि 5जी को अपनाना अब सरकार के लिए प्राथमिकता है. अधिकांश भारतीय टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के पास वर्तमान में 5जी इकोसिस्टम के लिए निवेश और निर्माण को लेकर वित्तीय कमी है, लेकिन सरकार ने संकेत दिया है कि वह प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयार है.
सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. एस.पी. कोचर ने कहा कि 5जी प्रौद्योगिकी व्यवसाय मॉडल के संदर्भ में कई संभावनाओं को खोलने के लिए तैयार है. उनका कहना है कि इससे सभी की जीवनशैली पर भी प्रभाव पड़ने वाला है.
उन्होंने यह भी कहा, "हम क्षैतिज विकास और देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए उद्योग को सक्षम करने में सरकार के समर्थन की तलाश कर रहे हैं. 5जी की क्षमता बहुत अधिक है और यह भारत के लिए पूरे खेल को बदलने में सक्षम है. इसके साथ ही यह सरकार के अभियानों जैसे कि मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया व आत्मनिर्भर भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है."
सिएंट के अध्यक्ष और सीओओ कार्तिक नटराजन ने कहा, "हम संचार नेटवर्क के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश देख रहे हैं. वर्तमान डिजिटल परिवर्तन से यूजर्स के अनुभव में वृद्धि होगी, परिचालन क्षमता बढ़ेगी और उद्यम व्यवसायों के लिए प्रतिस्पर्धा में बढ़त होगी. विश्व स्तर पर नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर के डिजाइन, वितरण, परिनियोजन, माइग्रेशन और समर्थन में हमारा अनुभव हमें 5जी की शुरुआत (रोलआउट) के लिए एक आदर्श भागीदार बनाता है."