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पंजाब में 'सुपर सीएम' पर उठे सवाल, चन्नी की सरकार या सिद्धू हैं 'सरदार'

अभी पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार बने चार दिन बीते हैं. चार दिनों में ही सरकारी फैसलों पर सिद्धू की छाप दिखने लगी है. क्या पंजाब में सुपर चीफ मिनिस्टर का दौर लौट आया है. नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर और फैसलों को देखते हुए विपक्ष ने उन पर निशाना साधा है. खुद पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सरकार के कामकाज में दखल दे रहे हैं. चन्नी और सिद्धू के बॉडी लैंग्वेज और बयानों से यह सच जैसा लगने लगा है.

navjot singh sidhu -Cm channi
navjot singh sidhu -Cm channi

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Published : Sep 24, 2021, 8:03 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 8:19 PM IST

हैदराबाद : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर ने आरोप लगाया है कि नवजोत सिंह सिद्धू सुपर चीफ मिनिस्टर की तरह काम कर रहे हैं. एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिद्धू प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख हैं और वही अभी सरकार चला रहे हैं. उन्होंने सरकार के कामकाज में प्रदेश अध्यक्ष के हस्तक्षेप की आलोचना की.

शपथ ग्रहण के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिद्धू और चन्नी

20 सितंबर को चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. 19 सितंबर को उन्हें कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था. तभी से हर दिन हर मौके पर नवजोत सिंह सिद्धू साये की तरह नए मुख्यमंत्री के साथ है. कांग्रेस अध्यक्ष के तेवर के सामने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का कद कमतर ही दिख रहा है.

शपथ ग्रहण से पहले और बाद में सिद्धू कई मौके पर सीएम चन्नी का हाथ थामे रहे.

इसका अंदाजा उसी दिन हो गया था जब शपथ ग्रहण के बाद नवजोत सिद्धू ने सीएम को चन्नी भाई कहकर बुलाया था. इसके बाद बंद कमरे में उन्होंने नए सीएम और डिप्टी सीएम की बैठक भी ली थी.

शपथ ग्रहण के बाद कई ऐसे मौके आए, जहां सिद्धू पंजाब के मुख्यमंत्री को दिशा-निर्देश देते दिखे.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिल्ली यात्रा के दौरान सीएम के साथ

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, अब पंजाब में सत्ता के चार कोण बन गए हैं. सीएम चन्नी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी. अब सिद्धू की दखल से सरकार में नियुक्तियों में हो रही है.

हाई कमान से मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में जब चर्चा करने सिद्धू और सीएम चन्नी निकले थे

संभावित नए महाधिवक्ता डीएस पटवालिया सिद्धू के करीबी हैं.सिद्धू वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हरप्रीत सिंह सिद्धू को राज्य सतर्कता ब्यूरो प्रमुख के महत्वपूर्ण पद पर लाने की कोशिश कर रहे हैं, जो वर्तमान में ड्रग कंट्रोल पर राज्य टास्क फोर्स के प्रमुख हैं.

सिद्धू की सिफारिश पर करीबी दमनदीप सिंह को अमृतसर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया. बताया जाता है कि अमृतसर यात्रा के दौरान जब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने दमनदीप को जो नियुक्ति पत्र सौंपा था, उसे उन्होंने पहली बार देखा था.

पार्टी के पोस्टरों पर भी सीएम की तस्वीर सिद्धू से छोटी ही है

कैबिनेट में मंत्री कौन होंगे, इस पर आम सहमति नहीं बन पाई है. माना जा रहा है कि सिद्धू नाप तौल कर ही अपनी पसंद के विधायक को मंत्री बनाने की सिफारिश करेंगे. मनचाहे पद की दौड़ में शामिल तमाम ब्यूरोक्रेट्स भी सिद्धू के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं.

अमृतसर के दुर्ग्याना मंदिर में भी सिद्धू और सीएम

मुख्यमंत्री बनने के बाद सिद्धू ने अपने संबोधन में चन्नी को मुख्यमंत्री की बजाय 'चन्नीभाई' कहकर संबोधित किया था . राजनीतिक एक्सपर्ट मानते हैं कि सिद्धू अपने बयान और बॉडी लैंग्वेज से यह लगातार मैसेज दे रहे हैं कि चरणजीत सिंह चन्नी उनके कारण ही सीएम चुने गए. इसके अलावा हरीश रावत के उस बयान ने भी नए मुख्यमंत्री के कद को पहले ही कमतर कर दिया, जिनमें उन्होंने2022 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में ही लड़ने की बात कही थी.

गोल्डन टैंपल में भी सिद्धू सेंटर स्टेज में रहे

माना यह जा रहा है कि चुनाव से पहले सिद्धू अपनी छवि सरकार के कामकाज के जरिये और चमकाएंगे, इसके लिए उन्हें दखल देना ही होगा. क्या चन्नी अपने नेता सिद्धू के साये से बाहर जा पाएंगे, यह तो भविष्य ही तय करेगा. फिलहाल चन्नी के पास सिर्फ 6 महीने हैं, जिसमें वह अपनी काबिलियत साबित कर सकते हैं.

Last Updated : Sep 24, 2021, 8:19 PM IST

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