नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में प्रदेश पावर कारपोरेशन में घोटाला कर लाखों का चूना लगाया जा रहा था. दरअसल थाना सेक्टर 49 पुलिस द्वारा नोएडा के बिजली विभाग में चल रहे लाखों रुपये के घोटाले की सूचना दी गई थी.
घोटाला में बिजली विभाग कर्मी के साथ बैंकों के नाम सामने आए थे. जिसके बाद पुलिस ने जांच की. जांच में निकलकर आया कि 8 आरोपी करीब 1 साल से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को लाखों का चूना लगाने रहे हैं.
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया आरोपी गिरफ्तार
बिजली विभाग को लाखों का चूना लगाने वाले आरोपियों में सचिन कुमार, विशाल शर्मा, मनीष कुमार, अंकुर भास्कर, करण सिंह, जय सुभाष विश्वकर्मा , यतेंद्र चौधरी और बृजेश कुमार है. आरोपियों में संविदा बिजली कर्मी है और पंजाब नेशनल बैंक में डिप्टी मैनेजर है.
बिजली कर्मी और बैंक कर्मी ने किया घोटाला
पूछताछ में सामने आया कि सचिन करीब 15 साल पहले खोड़ा बिजली घर पर संविदा कर्मचारी के रूप में बिजली के बिल के जमा करने का काम करता था. जहां से वह 2010 में नौकरी छोड़कर अपनी जगह जय सुभाष को नौकरी पर लगवा दिया और खुद प्रोपर्टी का कार्य करने लगा.
2019 में सचिन की मुलाकात करण से हुई. करण जो पूर्व में विभाग में मीटर लैब में कार्य करता था. सचिन करण और सुभाष ने मिलकर योजना बनाई थी, जो डीडी बिजली विभाग से बैंक में जमा होने जाती थी. उसमें से बड़ी रकम की डीडी निकाल कर उसे दूसरे खाते में कैश करा लेते और उनके स्थान पर कम पैसे की डीडी बनवा कर उनकी गिनती पूरी करा देते थे.
इस योजना के अनुसार करण ने मनीष से मुलाकात की और पूरी योजना उसे बताई और जिस पर मनीष उसके साथ मिल गया, सचिन जो बिजली बिल पंजाब नेशनल बैंक नोएडा सेक्टर 11 में जमा करता था. वहां उसकी दोस्ती आनंद गौतम से थी. जिसने डिप्टी मैनेजर अंकुर भास्कर से पंजाब नेशनल बैंक बुलंदशहर में फर्जी अकाउंट खुलवा दिया. जिसके आधार पर फर्जी आधार कार्ड बनवा कर धोखाधड़ी का काम शुरू कर दिया.
बरामदगी
पुलिस ने पकड़े गए ठगों से 12 लाख 5000 रुपये नगद, दस लाख 22 हजार 500 सौ 40 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट, बैंक खातों में 15 लाख रुपये सीज, इनके द्वारा खरीदी गई 45 लाख की प्रॉपर्टी को सीज किया गया है. तीन मोहरें बरामद हुई और एक मोबाइल सिम, जो खाते में प्रयोग किया गया था.
पुलिस ने क्या कहा
फर्जीवाड़े के संबंध में पुलिस का कहना है कि इनके द्वारा अब तक एक करोड़ 66 लाख 50 हजार रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है. वहीं पुलिस ने अब तक बरामदगी में 78 लाख 77 हजार 540 रुपये नगद, डीडी, बैंक और यूपीपीसीएल की फर्जी मोहरें बरामद की है. इनके और भी अपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी की जा रही है. वहीं इनका एक साथी आनंद कुमार गौतम फरार है, जिसकी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी.