नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता आवश्यक है. अपने अमेरिका दौरे की शुरुआत से पहले 'वाल स्ट्रीट जर्नल' को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, "संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, कानून के शासन का पालन करने और मतभेदों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में हमारा मूल विश्वास है. साथ ही भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है." उन्होंने कहा कि चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता आवश्यक है.
ज्ञात हो कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून, 2020 को भारत और चीनी सेनाओं के बीच संघर्ष हो गया था. यह पिछले पांच दशक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इस तरह का पहला संघर्ष था और इससे द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आ गया था. यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध को लेकर भारत की भूमिका से जुड़े एक सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान शांति के पक्ष में है. उन्होंने कहा, "सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए. विवादों को 'कूटनीति और बातचीत' के जरिए हल किया जाना चाहिए, युद्ध के साथ नहीं."
उन्होंने कहा, "कुछ लोग कहते हैं कि हम तटस्थ हैं. लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं. हम शांति के पक्ष में हैं. दुनिया को पूरा विश्वास है कि भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता शांति है." मोदी ने कहा कि संघर्ष को समाप्त करने और स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत जो कुछ भी कर सकता है वह करेगा. उन्होंने कहा कि इस दिशा में भारत सभी वास्तविक प्रयासों का समर्थन करता है.